iGrain India - रियो डी जेनेरो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में अभी सोयाबीन एवं मक्का सहित कुछ अन्य फसलों की बिजाई का पीक सीजन चल रहा है लेकिन देश के मध्यवर्ती एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में मौसम सामान्य स्तर से ज्यादा गर्म एवं शुष्क होने से किसानों को फसलों की खेती करने में भारी कठिनाई हो रही है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ समय तक मौसम की ऐसी ही स्थिति बरकरार बरकरार रहने की भविष्यवाणी की है। कई क्षेत्रों में किसानों द्वारा आगे वर्षा की उम्मीद से सोयाबीन एवं मक्का की बिजाई सूखे खेतों में की गई लेकिन उसमें अंकुरण नहीं या नगण्य होने से वहां दोबारा बिजाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
वैश्विक बाजार का ध्यान ब्राजील में मौसम एवं फसलों की बिजाई पर केन्द्रित है क्योंकि वह सोयाबीन, मक्का, चीनी एवं कपास आदि के अग्रणी निर्यातक देशों में शामिल है जबकि गेहूं का बड़े पैमाने पर आयात करता है।
ब्राजील दुनिया में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि मक्का के उत्पादन में तीसरे एवं निर्यात में दूसरे नम्बर पर रहता है।
समझा जाता है कि ब्राजील पर इस बार अल नीनो मौसम चक्र का गहरा असर पड़ रहा है जिससे देश के मध्यवर्ती एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में भयंकर सूखे का माहौल बन गया है जबकि दक्षिणी राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक मध्यवर्ती एवं पूर्वोत्तर भाग में नवम्बर 2023 से जनवरी 2024 की तिमाही के दौरान सामान्य स्तर से कम बारिश होने से 45 से 60 प्रतिशत तथा चांस है जबकि यह समय फसलों की बिजाई एवं प्रगति की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है।
माटो ग्रोसो ब्राजील में सोयाबीन एवं मक्का का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। वहां देश के करीब 27 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन होता है लेकिन उसका पूर्वी भाग भयंकर सूखे की चपेट में फंसा हुआ है।
ब्राजील में सोयाबीन की बिजाई तो चल रही है मगर अनेक इलाकों में फसल की हालत अच्छी नहीं बताई जा रही है। मक्का की फसल पर तो सोयाबीन से भी ज्यादा खतरा बना हुआ है।
इसकी पहले सीजन की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है जबकि दूसरे या सफरीन्हा सीजन की बिजाई फरवरी-मार्च में होगी। उसके लिए भी चिंता बढ़ती जा रही है। व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि शीघ्र ही अच्छी बारिश नहीं हुई तो वहां कृषि उत्पादक प्रभावित हो सकता है।