iGrain India - नई दिल्ली । हाल के वर्षों में वियतनाम की तीखी प्रतिस्पर्धा तथा घरेलू प्रभाग में बढ़ती मांग एवं खपत के कारण भारत से काजू का निर्यात काफी घट गया है। नब्बे के दशक तक भारत दुनिया में काजू का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश बना हुआ था लेकिन बाद में वियतनाम इसमें आगे निकल गया।
अब केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने काजू के निर्यात का गौरवशाली दिन वापस लौटाने का प्रयास तेज कर दिया है।
भारत काजू का सबसे प्रमुख खपतकर्ता देश बना हुआ है। एपीडा के चेयरमैन ने कहा है कि विश्व काजू दिवस के अवसर पर तमिलनाडु एवं केरल से 30 टन से ज्यादा प्रसंस्कृत काजू कर्नेल का निर्यात सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।
वर्ष 2002 में वियतनाम ने अपने काजू उद्योग का नवीनीकरण अभियान जोर शोर से आरंभ किया था और काजू प्रोसेसिंग इकाइयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्वरूप दिया था लेकिन भारत उस अवसर का लाभ नहीं उठा सका।
दो माह पूर्व एपीडा को सरकार ने काजू निर्यात में भारत को शीर्ष स्थान पर दोबारा पहुंचाने का दायित्व सौंपा था और एपीडा ने इसके लिए जोरदार तैयारी आरंभ कर दी है। एपीडा ने काजू के उत्पादन क्षेत्र का विकास-विस्तार करने तथा वैश्विक बाजार के साथ उसका सम्पर्क जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य योजना तैयार की है।
एपीडा चेयरमैन के अनुसार केवल दो माह पूर्व ही केरल उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश को वापस लिया है और अब इसके निर्यात पर काम शुरू कर दिया गया है।
वर्ष 2020 में केन्द्र सरकार ने केरल स्थित काजू निर्यात संवर्धन परिषद से काजू निर्यात संवर्धन की गतिविधियों का अधिकार वापस लेकर एपीडा को सौंपा था। बाद में यह मामला अदालत में पहुंचा और केरल उच्च न्यायालय ने इस पर स्थगन आदेश जारी कर दिया।
लेकिन अब इसे वापस ले लिया है और एपीडा को वह समस्त अधिकार एवं दायित्व प्राप्त हो गया है जो काजू का निर्यात बढ़ाने के लिए पहले परिषद के पास था।
आज यानी 23 नवम्बर को विश्व काजू दिवस है। एपीडा ने इस अवसर पर तमिलनाडु से कतर एवं मलेशिया को तथा केरल से अमरीका को कुल मिलाकर 30 टन से अधिक काजू का निर्यात करने में सहायता दी है।
अगले महीने उड़ीसा से बांग्ला देश को सड़क मार्ग से 2 टन काजू भेजा जाएगा। इसके अलावा कई नए बाजारों में भी निर्यात की कोशिश की जा रही है जिसमें जापान, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, ताईवान एवं ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल हैं।