iGrain India - रायचूर । उद्योग- व्यापार क्षेत्र को 2023-24 के सीजन में ब्यादगी किस्म की लालमिर्च का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद है। अधिकांश प्रमुख कारोबारियों का कहना है कि इस वर्ष लालमिर्च के बिजाई क्षेत्र में 30-35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर्नाटक में हुई है और मौसम तथा वर्षा की अनुकूल स्थिति के साथ फसल पर कीड़ों-रोगों का प्रकोप भी नगण्य देखा जा रहा है।
बगलकोट एवं उसके आसपास के इलाकों में नए-नए क्षेत्रों में इस बार किसानों द्वारा लालमिर्च की खेती की गई है। अब तक फसल की हालत काफी अच्छी है और यदि अगले 10-15 दिनों में एक और बौछार पड़ जाए तो लालमिर्च का शानदार उत्पादन होना निश्चित हो जाएगा। व्यापारियों एवं प्रोसेसिंग उद्योग के पास लगभग 3.50 लाख बोरी ब्यादगी लालमिर्च का बकाया स्टॉक अभी मौजूद है।
ब्यादगी के एक अग्रणी व्यापारी का कहना है कि मुख्य चिंता केवल बारिश की है। हालांकि सामान्य बारिश फसल के लिए लाभदायक होगी मगर यदि मूसलाधार वर्षा हो गई तो फसल को नुकसान हो सकता है।
वर्तमान समय में ब्यादगी वैरायटी की लालमिर्च का कारोबार भाव 40 से 60 हजार रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है जबकि गुंटूर वैरायटी का दाम 15000/24000 रुपए प्रति क्विंटल बताया जा रहा है।
हालांकि उद्योग- व्यापार क्षेत्र को इस बार ब्यादगी लालमिर्च का उत्पादन बढ़ने का पक्का भरोसा है लेकिन बगलकोट स्थित बागवानी विज्ञान विश्व विद्यालय के विशेषज्ञों की राय इससे अलग है।
उनका कहना है कि कमजोर बारिश के कारण कुछ वर्षा पर आश्रित क्षेत्रों में फसल की हालत संतोषजनक नहीं है। इसके अलावा ब्लैक थ्रिप्स कीट के प्रकोप से कुछ क्षेत्रों में लालमिर्च के पौधों में फलियां कम संख्या में लगी हैं।
गडग के एक विशेषज्ञ के अनुसार पर्याप्त वर्षा नहीं होने से कुछ में लगी हैं। गडग के एक विशेषज्ञ के अनुसार पर्याप्त वर्षा नहीं होने से कुछ क्षेत्रों में फसल की हालत उत्साहवर्धक नहीं है और कहीं-कहीं रोगों- कीड़ों का प्रकोप भी चिंता का विषय बना हुआ है।