iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार एक तरफ बफर स्टॉक में मौजूद गेहूं की धुंआधार बिक्री कर रही है जिससे स्टॉक में तेजी से गिरावट आ रही है तो दूसरी ओर अगले रबी मार्केटिंग सीजन में खासकर उन राज्यों में गेहूं की अधिक से अधिक खरीद सुनिश्चित करने का प्लान बना रही है जहां पिछले दो सीजन के दौरान इसकी खरीद निराशाजनक रही। इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार आदि राज्य शामिल है।
गेहूं की खरीद का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर 1 अप्रैल 2024 से आरंभ होगा और कमोबेश 30 जून तक बरकरार रहेगा।
आमतौर पर प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और उसकी सहायक प्रांतीय एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद की जाती है लेकिन इस बार एक अन्य केन्द्रीय एजेंसी- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) को भी गेहूं की खरीद प्रक्रिया में शामिल करने का प्लान बनाया गया है।
मालूम हो कि केन्द्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
पिछले रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 35 लाख टन तथा बिहार में 10 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था मगर वहां इसकी वास्तविक खरीद महज 2.15 लाख टन एवं 589 टन तक ही पहुंच सकी।
उसके फलस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर भी 342 लाख टन के नियत लक्ष्य की तुलना में गेहूं की वास्तविक सरकारी खरीद 262 लाख टन पर सिमट गई। राजस्थान में भी गेहूं की बहुत कम खरीद हुई।
गेहूं का बाजार भाव घटाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है क्योंकि जब तक खुले बाजार में इसका दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास या उससे नीचे नहीं आएगा तब तक सरकारी खरीद बढ़ने में संदेह रहेगा।
वैसे भी चालू रबी सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से बहुत पीछे चल रहा है और आगामी महीनों में मौसम भी कुछ हद तक प्रतिकूल रहने की आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसी हालत में किसान काफी सोच समझ कर अपने गेहूं की बिक्री करना चाहेंगे।
वर्तमान समय में उपलब्ध सहकारी स्टॉक के गेहूं की बिक्री इतनी तेजी से की जा रही है कि 1 अप्रैल 2024 तक इसकी मात्रा घटकर न्यूनतम आवश्यक स्टॉक के आसपास रह जाएगी। अगली खरीद में यदि अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं हुई तो बाजार में तेजी- मजबूती का माहौल बरकरार रह सकता है।