iGrain India - नई दिल्ली । अच्छी पैदावार एवं बेहतर उपलब्धता के बावजूद गैर बासमती चावल की कीमतों में हो रही बढ़ोत्तरी से चिंतित केन्द्र सरकार ने चावल उद्योग को तत्काल प्रभाव से अपने उत्पाद का खुदरा मूल्य घटाने तथा उचित दाम पर इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने आगाह किया है कि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने का अगर प्रयास किया गया तो उस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
उच्चतम खुदरा मूल्य एवं वास्तविक खुदरा भाव के बीच बढ़ते अंतर को गंभीरता से लेते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने उद्योग संगठनों को चावल का दाम घटाकर उचित स्तर पर लाने का सुझाव दिया है ताकि आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके।
मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार केन्द्रीय खाद्य सचिव ने गैर बासमती चावल की घरेलू कीमतों के परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए चावल प्रोसेसिंग उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की थी जिसमें मिलर्स को सामान्य श्रेणी के चावल की कीमतों में अनावश्यक एवं भारी-भरकम बढ़ोत्तरी करने तथा ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने की प्रवृत्ति से दूर रहने के लिए कहा गया।
केन्द्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने मीटिंग में कहा कि देश में चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है लेकिन फिर इसका भाव काफी ऊंचा और तेज चल रहा है। ऐसी सूचना मिल रही है कि गैर बासमती चावल के थोक विक्रेताओं एवं खुदरा कारोबारियों के मार्जिन में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है जिसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है।
खाद्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि चावल उद्योग को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि घरेलू बाजार में इस महत्वपूर्ण खद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता बनी रहे और कीमतों में मनमानी बढ़ोत्तरी न हो।
उच्चतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तथा वास्तविक बाजार भाव के बीच सीमित अंतर होना चाहिए और इसके लिए एमआरपी का स्तर नीचे रखा जाना चाहिए।
खरीफ सीजन में धान-चावल का अच्छा उत्पादन हुआ है और भारतीय खाद्य निगम के पास चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में कीमतों में तेजी आने का कोई ठोस कारण या आधार नहीं है।
दूसरी ओर देश से टुकड़ी चावल एवं गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है।
खाद्य निगम के पास 182.40 लाख टन चावल का भंडार मौजूद है जबकि मिलर्स से उसे 290 लाख टन चावल प्राप्त होना है। नवम्बर 2023 में चावल के खुदरा मूल्य में 11.81 प्रतिशत का इजाफा हुआ जो अक्टूबर से ज्यादा था।