iGrain India - दुबई। लाल सागर का समुद्री जलमार्ग धीरे-धीरे वाणिज्यिक निर्यात शिपमेंट के लिए खतरनाक होता जा रहा है। वहां यमन के हूती समूह का आतंक बढ़ने लगा है जिसे इरान का समर्थक बताया जा रहा है। इससे भारत को भी नुकसान होने की आशंका है क्योंकि भारत से लाल सागर के जलमार्ग से अनेक देशों को विभिन्न वस्तुओं का शिपमेंट किया जाता है। आगे इसके लिए ख़तरा बढ़ सकता है।
ब्रिटिश मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन के अधिकारीयों ने कहा है कि यमन तट के पास 26 दिसंबर को लाल सागर में धामाका हुआ। वहां मानवरहित वायुयान में विस्फोट होने की सोचना है जबकि मिसाल दागे जाने की खबर भी है। दोनों अलग-अलग घटना है जिससे इस क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
प्राप्त सूचना के अनुसार यमन के पश्चिमी तट पर होदेईदाह के परिचय में 50 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित एक जहाज से दो विस्फोट की आवाज सुनी गयी। उससे पूर्व वहां दो मांग रहित एयरक्राफ्ट उड़ते हुए दिखाई दे रहे थे। एक अन्य घटना के तहत भी विस्फोट एवं धमाके की आवाज सुनी गयी और एक जहाज (वेसल) से मिसाइलें दागी गयी। यह घटना होदेईदाह से 60 समुद्री (नौटिकल) मील दूर हुई। इससे समुद्री जल मार्ग को असुरक्षित माना जाने लगा है। मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व एक जहाज को अगवा कर लिया गया था।
लाल सागर के जलमार्ग से शिपमेंट को बढ़ते खतरे को देखते हुए तमाम आयातक-निर्यातक देश चिंतित हो रहे हैं जिसमें भारत भी शामिल है। भारत में इस जलमार्ग से जहां पूंजीगत सामानों एवं कच्चे माल का आयात होता है वहीँ कई देशों को अनेक उत्पादों का निर्यात भी किया जाता है।