iGrain India - जकार्ता । दुनिया में पाम तेल के सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया से वर्ष 2024 के दौरान इस महत्वपूर्ण वनस्पति तेल के निर्यात का प्रदर्शन कुछ कमजोर रहने की संभावना है।
इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन (गापकी) के अनुसार चालू वर्ष के दौरान इंडोनेशिया से पाम तेल का कुल निर्यात 290 लाख टन के करीब ही पहुंचने की संभावना है जो पिछले साल के कुल शिपमेंट से लगभग 4 प्रतिशत कम है।
गापकी का कहना है कि बायोडीजल निर्माण में पाम तेल का उपयोग बढ़ेगा जबकि पाम तेल के घरेलू उत्पादन में सीमित बढ़ोत्तरी होगी। इसके फलस्वरूप निर्यात उद्देश्य के लिए पाम तेल के स्टॉक में कमी आएगी।
गापकी के चेयरमैन का कहना है कि वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 के दौरान देश में पाम तेल के उत्पादन में 5 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा नहीं हो सकेगा।
अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप एवं प्रभाव से पाम तेल के उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है। इंडोनेशिया में बायोडीजल के निर्माण में पाम तेल के अनिवार्य उपयोग का स्तर पिछले साल 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत नियत कर दिया गया।
बी 35 नामक इस योजना के प्रभावी होने से इंडोनेशिया में पाम तेल की कुल घरेलू मांग बढ़कर 250 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है। इसमें खाद्य उद्देश्य में पाम तेल का इस्तेमाल भी शामिल है।
भारत इंडोनेशियाई पाम तेल का सबसे प्रमुख खरीदार है। भारत में वहां से क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के साथ-साथ आरबीडी पामोलीन का भी विशाल मात्रा में आयात होता है। इसके अलावा मलेशिया एवं थाईलैंड से भी भारत में पाम तेल मंगाया जाता है।