iGrain India - अहमदाबाद । इंडियन कॉटन टेक्सटाइल एंड क्लॉशिंग इंडस्ट्री के समक्ष मौजूदा चुनौतियों एवं समस्याओं को दूर करने हेतु सामूहिक प्रयास के तहत कॉन फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सिटी) तथा संबंधित संघों- संगठनों ने केन्द्रीय कपड़ा मंत्री को एक संयुक्त ज्ञापन दिया है जिसमें कपास की कीमतों में स्थिरता का माहौल बनाने हेतु उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है।
ज्ञापन में भारतीय कपास मिशन (सीसीआई), न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कपास खरीद की प्रक्रिया आदि से सम्बन्धित मुद्दों का जिक्र करते हुए कपास के दाम में स्थिरता तथा प्रमुख उपयोगकर्ता क्षेत्रों के लिए इसकी निर्बाध एवं पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कुछ नितिगत परिवर्तनों का सुझाव दिया गया है।
ज्ञापन में सरकार द्वारा वस्त्र सलाहकार समूह (टी ए जी) का निर्माण करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा गया है कि कपड़ा मंत्री के मार्ग निदेशन में इस समूह द्वारा अनेक नीतिगत कदम उठाए गये हैं जिसमें एम सी एक्स प्रोडक्ट एडवाइजरी कमिटी का पुनर्गठन और कॉटन मास्टर प्लान पर पायलट परियोजना का क्रियान्वयन भी शामिल है।
लेकिन संयुक्त ज्ञापन में कपड़ा मंत्री का ध्यान कुछ चुनौतियों एवं समस्याओं की ओर भी आकर्षित किया गया है। इसमें कहा गया है कि घरेलू बाजार में अक्सर कपास की कीमतों में जोरदार उतार-चढ़ाव आता रहता है।
सीसीआई द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से विशाल मात्रा में कपास की खरीद की जाती है। वर्तमान खरीद प्रक्रिया बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पक्ष में है जिससे रूई बाजार में सट्टेबाजी की आशंका अधिक रहती है।
कॉटन यार्न के निर्यात पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है और वस्त्र उद्योग का कारोबार प्रभावित होता है। इस सट्टेबाजी पर अंकुश लगाना आवश्यक है। कपास उत्पादकों को लाभप्रद मूल्य मिलना चाहिए और वस्त्र उद्योग के हितों की रक्षा भी होनी चाहिए।