iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन की भांति रबी सीजन में भी धान का क्षेत्रफल गत वर्ष से पीछे चल रहा है। ज्ञात हो कि रबी सीजन के दौरान धान की अधिकांश खेती दक्षिणी राज्यों और खासकर तेलंगाना, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश में होती है।
वहां बारिश की कमी के साथ-साथ बांधों-जलाशयों में भी पानी का अभाव है इसलिए किसानों को धान का रकबा बढ़ाने का अवसर एवं प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।
कुछ क्षेत्रों में किसान जोखिम उठाकर धान की खेती कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर धान का कुल उत्पादन क्षेत्र 28.2 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जो पिछले साल के क्षेत्रफल 29.33 लाख हेक्टेयर से 1.08 लाख हेक्टेयर कम है। विस्तारित रबी सीजन (जायद) में भी धान की खेती होती है इसलिए इसका रकबा आगे कुछ सुधर सकता है।
रबी कालीन दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में मिश्रित रुख देखा जा रहा है। इसके तहत जहां एक ओर मसूर तथा मटर के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है वहीँ दूसरी तरफ चना, उड़द एवं मूंग सहित अन्य दलहनों का क्षेत्रफल घट गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार रबी कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 162.66 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 155.13 लाख हेक्टेयर पर अटक गया है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान मसूर का बिजाई क्षेत्र 18.46 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 19.31 लाख हेक्टेयर पर तथा मटर का क्षेत्रफल 9.57 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसके विपरीत 2022-23 की तुलना में 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन के दौरान चना का उत्पादन क्षेत्र 109.73 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 102.90 लाख हेक्टेयर, उड़द का बिजाई क्षेत्र 6.98 लाख हेक्टेयर से गिरकर 6.03 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 5.35 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.33 लाख हेक्टेयर रह गया। अन्य दलहनों का रकबा भी गत वर्ष के 5.10 लाख हेक्टेयर से फिसलकर इस बार 4.80 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
चना का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में बढ़ा है लेकिन महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक एवं गुजरात जैसे राज्यों में काफी घट गया है। मटर का बिजाई क्षेत्र दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में बढ़ गया।
जहां तक मसूर की बात है तो इसका क्षेत्रफल मध्य प्रदेश एवं बिहार काफी बढ़ गया लेकिन उत्तर प्रदेश में 77 हजार हेक्टेयर पीछे रह गया।