iGrain India - राजकोट । रिकॉर्ड बिजाई एवं अनुकूल मौसम के कारण चालू वर्ष के दौरान देश में जीरा का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके फलस्वरूप कीमतों पर भारी दबाव देखा जा रहा है।
कहीं-कहीं मंडियों में नए जीरे की छिटपुट आवक शुरू हो गई है जबकि फरवरी के अंतिम सप्ताह से आपूर्ति की रफ्तार तेज होने की संभावना है। इसके आबाद जीरा का भाव कुछ और नरम पड़ सकता है।
गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरा का औसत भाव अक्टूबर 2023 में 600 रुपए प्रति किलो चल रहा था जो अब 50 प्रतिशत घटकर 300 रुपए प्रति किलो पर आ गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार वर्ष 2023 में जीरा का घरेलू बाजार भाव तेजी से उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हुई और इसकी खेती के प्रति उसका उत्साह काफी बढ़ गया।
राष्ट्रीय स्तर पर चालू सीजन में जीरा का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 12 लाख हेक्टेयर के आसपास पहुंच गया है जो पिछले सीजन में 9 लाख हेक्टेयर के करीब ही पहुंच सका था। दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात तथा राजस्थान में जीरा के बिजाई क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
ऊंझा में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के चेयरमैन का कहना है कि जीरा के दाम में आगे कुछ और नरमी आ सकती है क्योंकि इस बार इसका बम्पर उत्पादन होने के आसार हैं।
अगले महीने के अंत तक यदि जीरा का दाम घटकर 250 रुपए प्रति किलो के आसपास आ जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। उसके बाद अगले कुछ महीनों तक जीरा का बाजार इसी मूल्य स्तर के आसपास घूमता रह सकता है। जीरा का दाम घटने से मसाला संवर्ग की महंगाई दर गिरकर नीचे आ सकती है जो पिछले माह 19.69 प्रतिशत रही थी।
समीक्षकों के अनुसार जीरा का औसत भाव 2021-22 सीजन के दौरान 200 रुपए प्रति किलो के करीब रहा था लेकिन मार्च 2023 से इसमें तेजी का दौर शुरू हो गया उस समय इसका दाम लगभग 450 रुपए प्रति किलो चल रहा था।
कॉमोडिटी एक्सचेंज में 20 मई, 2024 की एक्सपायरी के लिए जीरा का वायदा भाव घटकर पिछले दिन 26,280 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। दिसम्बर 2023 में जीरा में खुदरा महंगाई दर 114 प्रतिशत दर्ज की गई। जुलाई 2023 से ही यह तीन अंकों में बनी हुई थी।
पिछले एक माह के दौरान जीरे की निर्यात मांग में बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि चीन, सीरिया एवं अफगानिस्तान जैसे देशों से इसकी आपूर्ति काफी घट गई है।
पिछले दो महीनों के दौरान भारत से करीब 20 हजार टन जीरा का निर्यात हुआ। लेकिन चालू वित्त वर्ष की पूरी अवधि के दौरान इसका कुछ निर्यात 20 प्रतिशत घटकर 1.30 लाख टन के करीब सिमट जाने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश से करीब 1.70 लाख टन जीरा का निर्यात हुआ था।