iGrain India - मंगलोर । एक अग्रणी सहकारी संस्था- सेन्ट्रल अरेकानट एंड कोकोआ मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग को ऑपरेटिव (कैम्पको) तथा उत्पादक संगठनों ने केन्द्र सरकार से सुपारी के आयात पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है ताकि घरेलू किसानों के हितोँ की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हाल ही में कर्नाटक के मंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर सुपारी से लदा एक जहाज पहुंचा है और अब उसे वहां से हटाकर आयातक के गोदामों में पहुंचाया जा रहा है।
कैम्पको के अध्यक्ष का कहना है कि इस तरह का आयात चिंता का कारण बना हुआ है। चालू माह के आरंभिक दिनों में मंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एमआईए) के इंटीग्रेटेड कार्गो टर्मिनल (आईसीटी) पर 1519 किलो सुपारी का आयात हुआ था। इसे अगरतला से मंगलोर लाया गया था।
एमआईए के मीडिया में जारी एक बयान में कहा गया है कि इस एयरपोर्ट पर 1 मई 2023 से घरेलू कार्गो सेवा का संचालन आरंभ हुआ था और उसके बाद आईसीटी पर आने वाली सुपारी की यह सबसे बड़ी मात्रा है।
समझा जाता है कि शिवमोगा स्थिति एक व्यापारिक कम्पनी द्वारा इस आयातित सुपारी की खरीद की गई। वहां किसी एक दिन में पहुंचने वाली यह सबसे बड़ी मात्रा है। अब तक वहां छोटे-छोटे पार्सल में ही सुपारी की खेप पहुंचती रही है।
ध्यान देने की बात है कि कर्नाटक स्वयं सुपारी का अग्रणी उत्पादक राज्य है और वहां से देश के विभिन्न भागों में इसकी आपूर्ति की जाती है। बाहर से सुपारी मंगाकर उसे कर्नाटक के तटवर्ती क्षेत्रों एवं मालनाड के इलाकों में भेजा जाता है जबकि परम्परागत रूप से इन दोनों भागों में सुपारी का विशाल उत्पादन होता रहा है।
कैम्पको के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार को आयातित सुपारी के मूल उद्गम स्रोत का पता लगाना चाहिए और इस बात पर भी नजर रखनी चाहिए कि किस दर से इस सुपारी की खरीद की गई है।
इसके अलावा आयात से सम्बन्धित अन्य वितरणों की भी गहन जांच-पड़ताल की जानी चाहिए। इससे कर वंचना का मुद्दा भी सुलझेगा। कर्नाटक में ही सुपारी की खेप किन मंगवाई जा रही है इसका कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आ रहा है।