iGrain India - नई दिल्ली । प्राइवेट चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि एथनॉल निर्माण के लिए 10-12 लाख टन अतिरिक्त चीनी के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2023-24 सीजन के दौरान 17 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना का उपयोग एथनॉल उत्पादन में करने की स्वीकृति दे रखी है जबकि इस्मा का कहना है कि इसमें 10-12 लाख टन का और इजाफा किया जाना चाहिए क्योंकि चीनी का घरेलू उत्पादन आरंभिक अनुमान से अधिक होने वाला है। एथनॉल उत्पादन में होने पर पेट्रोल में इसके मिश्रण का स्तर बढ़ेगा।
ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में चीनी के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा इस बार अनेक एहतियाती कदम उठाए गए हैं जिसमें एथनॉल निर्माण के लिए गन्ना के डायवर्जन की मात्रा को सीमित करना भी शामिल है। इसका उद्देश्य चीनी के उत्पादन में सुधार लाना है।
इस्मा ने सरकार से 2023-24 के वर्तमान एथनॉल आपूर्ति वर्ष (नवम्बर-अक्टूबर) के लिए गन्ना जूस / शुगर सीरप एवं बी-हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल के खरीद मूल्य में तत्काल बढ़ोत्तरी करने की घोषणा करने का भी अनुरोध किया है ताकि चीनी मिलों को होने वाले घाटे से बचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में मक्का तथा सी-हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की थी। इस्मा का कहना है कि मक्का की तुलना में गन्ना की फसल यानी, पोषण तत्वों, भूमि इस्तेमाल तथा कार्बन श्रृंखलाकरण आदि के दृष्टिकोण से अधिक क्षमतावान है इसलिए यह सरकार से अधिक से अधिक सहयोग-समर्थन पाने का हकदार है।
सी हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल का क्रय मूल्य पिछले मार्केटिंग सीजन में 49.41 रुपए प्रति लीटर नियत किया गया था जिसे चालू सीजन के लिए बढ़ाकर 56.28 रुपए प्रति लीटर / निर्धारित किया गया है।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन में पेट्रोल में 12 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया गया जबकि 2021-22 में 10 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। चालू सीजन के लिए नियत लक्ष्य का प्राप्त होना मुश्किल लगता है क्योंकि एथनॉल का उत्पादन घट सकता है।