iGrain India - नई दिल्ली । हाल के महीनों में चना के घरेलू बाजार मूल्य में कुछ तेजी आने के बावजूद रबी सीजन के इस सबसे महत्वपूर्ण दलहन के कुल बिजाई क्षेत्र में कमी आई है। मालूम हो कि देश में दलहनों के कुल वार्षिक उत्पादन में चना का योगदान 45-50 प्रतिशत के बीच रहता है। दरअसल उत्पादन की मात्रा के दृष्टिकोण से चना सबसे प्रमुख दलहन फसल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सीजन के दौरान 19 जनवरी 2024 तक देश में चना का कुल उत्पादन क्षेत्र 102.90 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो पिछले सीजन की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 109.75 लाख हेक्टेयर से करीब 7 लाख हेक्टेयर कम है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्य प्रदेश एवं कुछ हद तक उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में चना के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है। इसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक एवं गुजरात भी शामिल है। इसके फलस्वरूप चना का उत्पादन चालू वर्ष के दौरान घटने की संभावना है।
पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान चना का उत्पादन मध्य प्रदेश में 21.08 लाख हेक्टेयर से उछलकर 23.46 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 6.24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.82 लाख हेक्टेयर तथा छत्तीसगढ़ में 3.66 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जबकि दूसरी ओर इसका बिजाई क्षेत्र महाराष्ट्र में 28.30 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 24.82 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 21.44 लाख हेक्टेयर से घटकर 19.38 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 11.84 लाख हेक्टेयर में गिरकर 9.62 लाख हेक्टेयर तथा गुजरात में 7.64 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 6.30 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
तेलंगाना में चना का क्षेत्रफल 1.33 लाख हेक्टेयर से गिरकर 99 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 8.20 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.75 लाख हेक्टेयर रह गया।
चना का बाजार भाव कुछ महीनों तक ऊंचा और तेज रहा था लेकिन अब सामान्य स्तर की तरफ वापस लौटता नजर आ रहा है। सरकारी एजेंसी- नैफेड के पास अभी इसका भारी-भरकम स्टॉक मौजूद है और इसकी नियमित रूप से बिक्री भी हो रही है।
अगला उत्पादन कम होने से चना के बाजार पर कुछ मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है जिससे इसका भाव आगामी महीनों में तेज हो सकता है।