iGrain India - नई दिल्ली । भारत ब्रांड नाम के तहत रियायती मूल्य पर चना दाल तथा गेहूं के आटे की बिक्री सफलतापूर्वक आरंभ करने के बाद केन्द्र सरकार ने शीघ्र ही 'भारत चावल की बिक्री भी शुरू करने का प्लान बनाया है ताकि आम उपभोक्ताओं कोइस की महंगाई से कुछ राहत दिलाई जा सके।
ध्यान देने की बात है कि सरकारी एजेंसी नैफेड द्वारा चना तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की नियमित बिक्री भी की जा रही है।
एफसीआई यद्यपि ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री का ऑफर भी दे रहा है मगर इसकी खरीद में मिलर्स एवं व्यापारी बहुत कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि इन्हें सरकारी चावल का दाम ऊंचा प्रतीत होता है। खुले बाजार में भी चावल का भाव ऊंचा एवं मजबूत बना हुआ है।
सरकार को भारत ब्रांड चावल का मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर रखना होगा क्योंकि तभी ग्राहक इसकी खरीद के प्रति आकर्षित होंगे। समझा जाता है कि खाद्य निगम के पास करीब 4.50 लाख टन गैर फोर्टिफाइड चावल का स्टॉक मौजूद है जिसे भारत ब्रांड के तहत बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जा सकता है।
तीन केन्द्रीय एजेंसियां- नैफेड, एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भंडार इस चावल की बिक्री कर सकती हैं। इस भारत चावल का मूल्य निर्धारित करने में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी और साथ ही साथ इसकी पैकिंग का आकार भी ग्राहकों के लिए अनुकूल रखना पड़ेगा क्योंकि इसके आधार पर ही इसकी बिक्री का प्रदर्शन निर्भर करेगा।
यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग किस्मों एवं श्रेणियों के चावल को विशेष पसंद किया जाता है कहीं कच्चा (सफेद) चावल की अधिक मांग रहती तो कहीं सेला चावल की खपत ज्यादा होती है।
पीडीएस के तहत वितरित होने वाले चावल की बात अलग है क्योंकि वह मुफ्त में मिल रहा है और अब फोर्टिफाइड भी हो रहा है लेकिन भारत ब्रांड का चावल ग्राहकों को पैसा देकर खरीदना पड़ेगा इसलिए इसकी क्वालिटी भी अच्छी होनी चाहिए।