iGrain India - नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकारी गेहूं की भारी बिक्री होने लगी है। इस योजना के तहत प्रत्येक सप्ताह की नीलामी में अब 5 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जा रहा है और मिलर्स-प्रोसेसर्स द्वारा इसके अधिकांश भाग की खरीद की जा रही है। चालू रबी सीजन में गेहूं का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 341 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया है औअर फसल की हालत आमतौर पर संतोषजनक बताई जा रही है। सरकार ने भंडारण सीमा के तहत गेहूं की मात्रा में भी भारी कटौती कर दी है। इन सभी कारणों से थोक मंडियों में 10 से 16 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान गेहूं का भाव 50-100 रुपए प्रति क्विंटल नरम पड़ गया।
दिल्ली
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी एवं राजस्थान के गेहूं का दाम 150 रुपए लुढ़ककर 2400/2450 रुपए, गुजरात के राजकोट में गेहूं का भाव 100 रुपए घटकर 2200/2900 रुपए प्रति क्विंटल तथा मध्य प्रदेश के इंदौर में 80 रुपए गिरकर 2300/3020 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। यद्यपि इस अवधि के दौरान गेहूं का मूल्य मध्य प्रदेश के भोपाल में 50 रुपए तथा राजस्थान के कोटा में 100 रुपए बढ़ गया मगर अन्य मंडियों में या तो स्थिर रहा या घटकर नीचे आ गया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी आमतौर पर गेहूं के दाम में नरमी रही। वहां इसका थोक मंडी भाव गोंडा में 70 रुपए तथा मैनपुरी में 89 रुपए घट गया। शाहजहांपुर तथा हरदोई में भी कुछ नरमी रही मगर सीतापुर में भाव 14 रुपए सुधर गया। उधर महाराष्ट्र की जालना मंडी में गेहूं का भाव सीमित कारोबार के साथ स्थिर बना रहा। उत्तर प्रदेश के एटा में यह 100 रुपए गिरकर 2300/2325 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
स्टॉक
केन्द्र सरकार खुले बाजार में गेहूं का दाम घटाने तथा आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है ताकि आगामी महीनों के दौरान उसे इसकी अधिक से अधिक मात्रा की खरीद करने में सफलता मिल सके। केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर पिछले सात साल के निचले स्तर पर आ गया है लेकिन फिर भी ओएमएसएस के तहत इसकी भारी बिक्री जारी रखी जा रही है। यह जोखिपूर्ण निर्णय साबित हो सकता है मगर खाद्य मंत्रालय को 2024 के रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की शानदार खरीद होने का भरोसा है और इसके लिए आवश्यक प्रयास भी किए जा रहे हैं।