iGrain India - नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च की आवक अच्छी होने एवं निर्यातकों की कमजोर मांग के चलते भावों में नरमी रही सूत्रों का कहना है कि हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के अनुमान है लेकिन दिसम्बर माह में प्रतिकूल मौसम के कारण क्वालिटी प्रभावित हुई है। जिस कारण से वर्तमान में अच्छी क्वालिटी के मालों की आवक कम हो रही है। जिस कारण से आगामी दिनों में अच्छी क्वालिटी के भाव बढ़ने की संभावना है।
आवक
लालमिर्च की प्रमुख मंडी गुंटूर में चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च की आवक लगभग 5 लाख बोरी की रही। जबकि खम्मम में आवक लगभग 2/2.25 लाख बोरी की रही। वारंगल में आवक 2.25 लाख बोरी की रही। अधिक पैदावार के कारण इस वर्ष मंडियों में लालमिर्च की दैनिक आवक गत वर्ष की तुलना में अधिक चल रही है।
भाव
चालू सप्ताह के दौरान निर्यातकों की कमजोर मांग के कारण लालमिर्च के भाव दबे रहे। प्रमुख मंडी गुंटूर में लालमिर्च तेजा का भाव 205 रुपए से मंदे के साथ 195 रुपए पर बोला गया है जबकि खम्मम मंडी में तेजा का भाव 219 रुपए पर मजबूत रहा। वारंगल मंडी में तेजा का भाव सप्ताह के शुरू में 201 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 200 रुपए बोला गया। गत वर्ष मार्च माह के शुरू में गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 210 रुपए एवं खम्मम में भाव 205 रुपए चल रहा था। बाजार सूत्रों का कहना है कि लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में अब अधिक मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि अधिक उत्पादन का मंदा बाजार में आ चुका है। चालू माह के दौरान लालमिर्च का निर्यात एवं लोकल बाजार कम रहेगा। जिस कारण से अभी बाजार दबे रहेंगे। लेकिन अप्रैल में भाव सुधरने की संभावना है। क्योंकि अप्रैल में मंडियों में आवक घटनी शुरू हो जाएगी और निर्यातकों की लिवाली में सुधार रहेगा।
उत्पादन अनुमान
जानकार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 1.75/1.80 करोड़ बोरी होने की संभावना है जबकि गत वर्ष उत्पादन 1.50/1.60 करोड़ बोरी का रहा था। तेलंगाना में भी लालमिर्च की पैदावार गत वर्ष के 55/60 लाख बोरी की तुलना में इस वर्ष 70/75 लाख बोरी होने के अनुमान लगाया जा रहे है। अगर दिसम्बर माह में मौसम खराब होता तो उत्पादन अधिक होता। उल्लेखनीय है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण गत दो वर्षों से लालमिर्च का उत्पादन बढ़ रहा है। हालांकि गत वर्ष भी उत्पादक राज्यों में लालमिर्च की बिजाई का क्षेत्रफल बढ़ा था लेकिन बेमौसी बारिश से फसल को नुकसान होने के कारण उत्पादन आशानुरूप नहीं बढ़ा था। लेकिन वर्ष 2022 की तुलना में अधिक रहा था।
जानकार सूत्रों का कहना है कि फरवरी माह के अंत में गुंटूर मंडी में लालमिर्च का कुल स्टॉक 29.13 लाख बोरी का हुआ है। इसके अलावा बकाया स्टॉक भी 51.53 लाख बोरी का है। कुल मिलाकर गुंटूर मंडी में लालमिर्च का स्टॉक 46.67 लाख बोरी का हुआ है।
मंदा-तेजी
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि चालू माह के दौरान गुंटूर मंडी में लालमिर्च का भाव 180/185 रुपए नीचे में बंद बन सकता है। इससे अधिक मंदे की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में मंडियों में आवक घटने के साथ ही कीमतों में सुधार संभव है। अगर निर्यातकों की अच्छी मांग बनी रही तो आगामी दिनों में लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में 20/30 रुपए प्रति किलो की तेजी सीजन के दौरान बन सकती है।
निर्यात अधिक
चीन एवं बांग्ला देश की अच्छी मांग होने के कारण लालमिर्च के निर्यात में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के प्रथम आठ माह में लालमिर्च का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक हुआ है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 340750.62 टन का हुआ जबकि अप्रैल-नवम्बर - 2022 में निर्यात 299775.97 टन का रहा था। वर्ष 2022-23 में लालमिर्च का कुल निर्यात 516184.91 टन रहा। अभी तक के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है चालू वर्ष के दौरान लालमिर्च का कुल निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा। वर्ष 2021-22 में निर्यात 557148.98 टन का हुआ था।