iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न - गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी कुछ क्षेत्रों में आरंभ हो चुकी है और मंडियों में नया माल आने लगा है। इसका भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा बताया जा रहा है। दरअसल सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से गेहूं की बिकी बंद करने का निश्चय किया है जिससे मिलर्स- प्रोसेसर्स को मंडियों से इसकी खरीद करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
दिल्ली
2 से 8 मार्च वाले सप्ताह के दौरान यद्यपि दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 75 रुपए गिरकर 2625 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया मगर गुजरात के राजकोट में 200 रुपए उछलकर 2400/3200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में गेहूं के दाम में मिश्रित रूख देखा गया। बेंचमार्क इंदौर मंडी में भाव 41 रुपए तथा डबरा में 25 रुपए फिसल गया फसल गया मगर उज्जैन में 150 रुपए, इटारसी में 100 रुपए तथा भोपाल में 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया।
राजस्थान
राजस्थान में भी ऐसी ही स्थिति रही। वहां गेहूं का दाम कोटा मंडी में 100 रुपए गिरकर 2350/2900 रुपए प्रति क्विंटल रह गया लेकिन बारां में 170 रुपए उछलकर 2350/3000 रुपए प्रति क्विंटल तथा बूंदी मंडी में 25 रुपए सुधरकर 2250/2550 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
भाव
देश के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में गेहूं का भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान शाहजहांपुर, गोंडा, मैनपुरी एवं एटा में 10 से 60 रुपए प्रति क्विंटल तक नरम रहा मगर गोरखपुर एवं हरदोई में 30-40 रुपए सुधर गया। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भी गेहूं का भाव 100 रुपए की वृद्धि के साथ 2300/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
उत्पादन
गेहूं की फसल को कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान हुआ और केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने इसका उत्पादन 1120 लाख टन के करीब होने का अनुमान लगाया है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान मध्य प्रदेश, गुजरात एवं बिहार जैसे राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद जल्दी ही शुरू होने वाली है।