iGrain India - कोलम्बो । श्रीलंका सरकार ने कालीमिर्च, अदरक (सौंठ), हल्दी, जायफल, जावित्री एवं इलायची जैसे चुनिंदा मसालों के पुनर्निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है।
आयात और निर्यात नियंत्रण विनियमन के अंतर्गत संबंधित आयात लाइसेंस जारी करने का निर्णय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में लिया गया। इसके तहत आयात और निर्यात महानिर्देशक की स्वीकृति से इन मसालों के निर्यात की स्वीकृति दी जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि विदेशों से आयातित मसालों में कम से कम 35 प्रतिशत स्थानीय उत्पाद का मिश्रण करने पर उसका पुनर्निर्यात किया जा सकेगा। इससे स्वदेशी मसालों के निर्यात संवर्धन में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में 1 जनवरी 2023 से ही इन मसालों के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ था। गत वर्ष 6 दिसम्बर को वहां निवेश संवर्धन मंत्री ने एक ज्ञापन प्रस्तुत किया था जिसमें कहा गया था कि वित्त मंत्रालय ने पुनर्निर्यात उद्देश्य के लिए कुछ चुनिंदा मसालों के आयात की अनुमति प्रदान कर दी है।
वित्त मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति में यह उल्लेख किया था कि सम्बन्धित मसालों के आयात की अनुमति केवल उन्हीं व्यापारियों (बिजनेसमैन) को दी जाएगी जिसे निवेश मंडल (बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट) की सिफारिशों पर अनुमोदित किया गया है जबकि लाइसेंस जारी करने का अंतिम निर्णय लेने का अधिकार आयात-निर्यात महानियंत्रक के पास सुरक्षित होगा।
श्रीलंका मसालों का एक महत्वपूर्ण उत्पादक एवं निर्यातक देश है। भारत में वहां से बड़ी मात्रा में कालीमिर्च का आयात होता रहा है जबकि थोड़ी-बहुत मात्रा में अन्य मसाले भी मंगाए जाते है।
वहां मसालों का स्टॉक कम है जबकि सरकार देश में विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ाने का गंभीर प्रयास कर रही है। आयातित मसालों का मूल्य संवर्धन करके उसका दोबारा निर्यात करने से श्रीलंका को अच्छी आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद है।