iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि दिसम्बर 2023 की तुलना में जनवरी 2024 के दौरान देश से मसूर के निर्यात में जबरदस्त गिरावट आ गई क्योंकि भारत सहित कुछ अन्य देशों में इसकी मांग कमजोर रही।
ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया से नवम्बर 2023 में 1.19 लाख टन मसूर का निर्यात हुआ था जो दिसम्बर 2023 में करीब दोगुना बढ़कर 2.31 लाख टन के करीब पहुंचा मगर जनवरी 2024 में लुढ़ककर 87 हजार टन पर अटक गया।
इस तरह नवम्बर-जनवरी की तिमाही के दौरान ऑस्ट्रेलिया से कुल मिलाकर लगभग 4.37 लाख टन मसूर का निर्यात हुआ। भारत इसका सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान भारत में ऑस्ट्रेलिया से कुल 2,89,497 टन मसूर का आयात किया गया। इसके तहत नवम्बर में 98,907 टन, दिसम्बर में 147,882 टन एवं जनवरी में 42,709 टन का आयात शामिल था। भारत में मसूर की बिजाई बड़ी है और सरकार ने 16 लाख टन से अधिक के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
भारत के अलावा नवम्बर 2023- जनवरी 2024 की तिमाही के दौरान ऑस्ट्रेलिया से तुर्की को करीब 28 हजार टन, बांग्लादेश को 26 हजार टन, श्रीलंका को 27 हजार टन, मिस्र को 21 हजार टन,
पाकिस्तान को 19 हजार टन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 17 हजार टन तथा नेपाल को करीब 8 हजार टन मसूर का निर्यात किया गया। बहरीन को 2 हजार टन मसूर का निर्यात हुआ।
इसके अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण कोरिया, मारीशस, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, मलेशिया, न्यूजीलैंड, अमरीका, ताईवान, कनाडा, इंडोनेशिया, फिजी एवं पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों को भी मसूर की खेप भेजी गई लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम थी।