iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा है कि बांग्ला देश, श्रीलंका एवं खाड़ी क्षेत्र के देशों सहित अनेक विकसित एवं विकासशील देश भारत के साथ रूपए में कारोबार शुरू करने के इच्छुक हैं क्योंकि इससे व्यापार वाणिज्य में लेन देन खर्च में कटौती करने में सहायता मिलेगी। वाणिज्य मंत्री ने विश्वास जताया कि यह प्रयास भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दिशा निर्धारित करने में गैम चेंजर साबित होगा।
उद्योग एवं वाणिज्य आरंभ कर चुके हैं और वे चाहते हैं कि भारत इसे जल्दी से जल्दी आरंभ करे उधर खाड़ी क्षेत्र के देश भी इसके लिए इच्छुक दिखाई पड़ रहे है।
लोगों को इसका फायदा नजर आने में कुछ समय घटा सकता है और उसके बाद अधिक से अधिक संख्या में विकसित देश तथा सुदूर पूर्व एशिया के देश भी इस दौर में शामिल हो जायेंगे। सिंगापुर पहले से ही कुछ हद तक इस दिशा में आगे आ चुका है।
ये देश धीरे-धीरे इस हकीकत को महसूस कर रहे हैं कि घरेलू मुद्राओं में कारोबार करने के अनेक फायदे हैं। स्थानीय मुद्रा में कारोबार का प्रचलन बढ़ने लगा है।
इससे खासकर उन देशों को विशेष राहत मिलेगी जिसके पास डॉलर का अभाव है। ये देश रुपए में कारोबार के जरिए भारत से द्विपक्षीय व्यापार का सफलता पूर्वक संचालन कर सकते हैं।
डॉलर तथा अन्य विदेशी मुद्राओं में कारोबार के तहत कन्वर्जन का खर्ज बढ़ने का खतरा रहता है। भारतीय रुपए की विनिमय दर तथा अन्य पड़ोसी देशों की मुद्राओं की विनिमय दर अमरीकी डॉलर की तुलना में कम अंतर की रहती है और इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है।