iGrain India - ब्यादगी । कर्नाटक की मशहूर ब्यादगी मंडी में लालमिर्च की खरीद में मसाला फर्मों, ओलियोरेसिन निर्माताओं, निर्यातकों तथा होरेका (होटल, रेस्टोरेंट एवं कैटरिंग) क्षेत्र के खरीदारों द्वारा अच्छी दिलचस्पी दिखाई जा रही हैं लेकिन इसका भाव मुख्यत: क्वालिटी से जुड़ा हुआ है।
चूंकि मंडी में बेहतर क्वालिटी के माल की आवक काफी कम हो रही है और अधिकतर माल की गुणवत्ता हल्की है इसलिए दाम भी घटकर नीचे आ गया है। इसके अलावा करीब 25-30 लाख बोरी ब्यादगी लालमिर्च का पिछला बकाया स्टॉक अब भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा हुआ है जो कीमतों पर दबाव डाल रहा है।
चूंकि ब्यादगी मार्केट लालमिर्च की क़ीमतों के लिए बेंचमार्क निर्धारित करता है इसलिए आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ गुजरात जैसे दुरस्थ प्रान्त के उत्पादक भी वहां अपना स्टॉक (माल) लाकर बेचते हैं।
पिछले साल के ऊंचे मूल्य से उत्साहित होकर किसानों ने इस बार लालमिर्च का बिजाई क्षेत्र बढ़ा दिया और फसल की सिंचाई तथा देखभाल भी बेहतर तरीके से की। लालमिर्च के उत्पादन का खर्च बढ़ गया है जिसमें श्रमिकों के साथ-साथ इनपुट का खर्च भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त मूल्य, अतिवृष्टि तथा आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से अक्सर फसल को नुकसान होता रहता है। इन सभी बाधाओं एवं कठिनाइयों के बावजूद किसान लालमिर्च की खेती में दिलचस्पी दिखाते हैं ताकि उन्हें कुछ आमदनी प्राप्त हो सके। उत्पादकों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान लालमिर्च का अच्छा उत्पादन हो रहा है मगर बाजार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।
कर्नाटक में 2022-23 सीजन के दौरान 1.08 लाख हेक्टेयर में लालमिर्च की खेती हुई थी और इसका उत्पादन 1.67 लाख टन से कुछ अधिक हुआ था। कर्नाटक में अधिकांशतः ब्यादगी वैरायटी या इसकी हाइब्रिड किस्मों की लालमिर्च का उत्पादन होता है।