iGrain India - कुआलालम्पुर । सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) द्वारा अगले सप्ताह आधिकारिक आंकड़ा जारी किए जाने से पूर्व उद्योग- व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों ने जो अनुमान प्रस्तुत किया है उससे पता चलता है कि मार्च के अंत में मलेशिया में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक 6.65 प्रतिशत घटकर 17.90 लाख टन रह गया जो पिछले आठ माह का न्यूनतम स्तर है।
हालांकि मार्च माह के दौरान मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन 9.76 प्रतिशत बढ़कर 13.80 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है लेकिन साथ ही साथ इसका निर्यात भी 21.22 प्रतिशत उछलकर 12.30 लाख टन पर पहुंच जाने तथा घरेलू खपत में भी वृद्धि होने से बकाया अधिशेष स्टॉक में गिरावट आ गई।
यह लगातार पांचवा महीना है जब मलेशिया में पाम तेल के स्टॉक में गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है। समीक्षकों के मुताबिक यद्यपि मार्च के दौरान भारत और चीन में मलेशियाई पाम तेल का निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहा मगर मुस्लिम बहुल देशों में इसकी मांग रमजान के कारण बहुत बढ़ गई।
एक अग्रणी उद्योग विश्लेषक के अनुसार अप्रैल तथा मई में भी मलेशियाई पाम तेल के निर्यात में बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
मार्च में मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन फरवरी के मुकाबले 9.76 प्रतिशत बढ़कर 13.80 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है। नवम्बर 2023 के बाद पहली बार वहां सीपीओ के उत्पादन में वृद्धि हुई।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया में पाम तेल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां पाम तेल का भाव ऊंचा और तेज होता जा रहा है जिससे भारत में आयात घटने लगा है। भारतीय आयातक अब सूरजमुखी तेल तथा सोयाबीन तेल की खरीद पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।