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ईरान-इजरायल के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका से भारतीय निर्यातक एवं आयातक चिंतित

प्रकाशित 15/04/2024, 07:58 pm
ईरान-इजरायल के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका से भारतीय निर्यातक एवं आयातक चिंतित
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iGrain India - नई दिल्ली । ईरान द्वारा इजरायल पर किए मिसाइल अटैक से दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका पैदा हो गई है जिससे भारत के बासमती चावल एवं चाय के निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है।

उधर खाद्य  तेल के आयातकों का कहना है कि युद्ध की स्थिति में सूरजमुखी तेल का आयात प्रभावित हो सकता है और इसकी कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 के शुरूआती 11 महीनों में भारत से 4.59 अरब डॉलर मूल्य के बासमती चावल का निर्यात हुआ जिसमें से 59.80 करोड़ डॉलर के चावल का शिपमेंट ईरान को किया गया।

ईरान भारतीय चाय का भी एक प्रमुख खरीदार देश है। चालू वर्ष के दौरान भारत से ईरान को लगभग 4 करोड़ किलो चाय का निर्यात होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है मगर अब इसमें बाधा पड़ सकती है। 

उल्लेखनीय है कि ईरान, इजरायल तथा आसपास के देशों में बासमती चावल की भारी मांग रहती है और इसका अधिकांश भाग भारत से मंगाया जाता है। यदि यह क्षेत्र आगे विवादों से घिरा रहता है तो भारत से निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

तनाव ज्यादा बढ़ने पर शिपिंग मार्ग बदलने की आवश्यकता पड़ेगी जिससे भारतीय बासमती चावल निर्यातकों के लिए स्थिति विषम हो जाएगी।

अखिल भारतीय चावल निर्यातक (एरिया) के एक पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि वर्तमान सप्ताह निर्यातकों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है और पूरी स्थिति पर गहरी नजर रखी जा रही है।  

जो निर्यातक एक वर्ष ईरान के साथ कारोबार बढ़ाने की सोच रहे थे उन्हें काफी फटका लगने की आशंका है। ईरान भारतीय बासमती चावल तथा चाय के अग्रणी आयातक देशों में शामिल है।

हालांकि अमरीका ने इजरायली का साथ देने की घोषणा की है लेकिन साथ ही उसने इजरायली को तत्काल ईरान के हमले का जवाब नहीं देने के लिए कहा है क्योंकि इससे युद्ध की आग बड़े पैमाने पर फैल सकती है।

भारत सरकार ने अपने नागरिकों को ईरान तथा इजरायल की यात्रा से दूर रहने का सुझाव दिया है। मध्य एशिया एवं खाड़ी क्षेत्र के देशों में तनाव का वातावरण बना हुआ है।

निर्यातकों के अनुसार जनवरी-फरवरी का महीना ईरान को भारतीय चाय एवं चावल के निर्यात की दृष्टि से काफी अच्छा रहा और शीघ्र ही वहां स्थिति सामान्य नहीं हुई तो आगामी समय में निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ सकता है।

इजरायल कब तक चुप रहता है यह देखना आवश्य्क होगा।

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