iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि शीर्ष उद्योग संस्था- इन्डियन शुगर बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है
लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज करते हुए चीनी निर्यात की स्वीकृति देने से साल इंकार कर दिया है। ज्ञात हो कि जून 2023 से ही सभी किस्मों की चीनी के निर्यात पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है।
इस्मा ने आंकड़ों के आधार पर 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति मांगी थी। उसका कहना है कि उत्पादन एवं बकाया स्टॉक को देखते हुए चीनी की कुल उपलब्धता इसकी घरेलू मांग एवं खपत से काफी अधिक रहेगी और मार्केटिंग सीजन के अंत में इसका विशाल स्टॉक बचा यदि 10 लाख टन चीनी के निर्यात की स्वीकृति दी जाती है तो इसका घरेलू बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
लेकिन खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि फिलहाल सरकार चीनी के निर्यात के बारे में नहीं सोच रही है भले ही उद्योग इसकी मांग कर रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन में मार्च 2024 के अंत तक चीनी का घरेलू उत्पादन 300 लाख टन की सीमा को पार कर गया जबकि 200 से ज्यादा मिलों में गन्ना की क्रशिंग जारी थी।
अगले एक दो दिन में इस्मा का नया आंकड़ा सामने आने वाला है जिसमें 15 अप्रैल तक हुए चीनी उत्पादन का ब्यौरा दिया जाएगा। इससे स्थिति और भी स्पष्ट होगी।
इस्मा ने अपने संशोधित अनुमान के तहत 2023-24 सीजन के दौरान चीनी का कुल घरेलू उत्पादन 320 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की है जबकि सरकार ने भी 315-320 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
लेकिन सरकार इस वर्ष एथनॉल निर्माण के लिए चीनी मिलों को बी-हैवी शीरा के अधिशेष स्टॉक का उपयोग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है जिससे उद्योग को कुछ राहत मिल सकती है।