iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि मार्च के अंत एवं अप्रैल के आरंभ में देश के कुछ राज्यों में तेज हवा के साथ हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से गेहूं की फसल प्रभावित होने की संभावना से सरकार ने इंकार किया है और अप्रैल में बाद में हुई वर्षा से भी उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका को खारिज कर दिया है लेकिन अब मौसम विभाग ने एक बार फिर परिचयी विक्षोभ की सक्रियता 18-21 अप्रैल के दौरान देश के कई भागों और खासकर पश्चिमोत्तर राज्यों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है जिससे गेहूं की फसल पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।
ध्यान देने वाली बात है कि रबी सीजन की अन्य प्रमुख फसलों-सरसों, चना, मसूर, मटर एवं जौ की कटाई-तैयारी अधिकांश क्षेत्रों में या तो पूरी हो गई है या अंतिम चरण में पहुंच चुकी है मगर गेहूं की अधिकांश फसल अभी खेतों में ही खड़ी है।
अप्रैल-मई में इसकी जोरदार कटाई-तैयारी होती है। मौसम विभाग का अनुमान यदि सच साबित होता है तो गेहूं उत्पादकों की चिंता एवं कठिनाई बढ़ जाएगी।
पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान जैसे राज्यों में अब कोई भी प्राकृतिक आपदा गेहूं की फसल के लिए हानिकारक साबित होगी क्योंकि वहां दाने परिपक्व हो चुके हैं और अब उसे कटाई के लिए अनुकूल मौसम की जरूरत है।
केन्द्र सरकार ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए पंजाब में 130 लाख टन, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में 80-80 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन, राजस्थान में 20 लाख टन तथा बिहार में 2 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय पूल के लिए 373 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन यदि पैदावार एवं क्वालिटी प्रभावित हुई तो लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। वैसे अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है।