iGrain India - चंडीगढ़ । केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान 132 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद होने की उम्मीद व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने कहा है कि अब तक 17.14 लाख टन से अधिक की खरीद हो चुकी है।
वर्तमान सीजन के लिए गेहूं खरीद के प्रबंध तथा प्रतिकूल मौसम से फसल को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए पिछले दिन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पंजाब के सभी जिला उपायुक्तों की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई।
इस मीटिंग में दो दिन पूर्व तक राज्य में 13.23 लाख टन गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा गया और इसके लिए किसानों को अब तक 898 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। सरकारी एजेंसियां प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों द्वारा लाए जाने वाले गेहूं की खरीद जल्दी से जल्दी की जाए और साथ ही साथ उसका उठाव करने का भी पुख्ता प्रबंध किया जाता। खरीदे गए गेहूं के मूल्य का भुगतान 48 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए।
पंजाब में इस बार गेहूं के बिजाई क्षेत्र में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ और शुरूआती चरण में वहां मौसम की हालत भी अनुकूल रही। इसके फलस्वरूप 2024 में वहां इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद बनी हुई थी।
लेकिन हाल के दिनों में राज्य के कई जिलों में आंधी-वर्षा तथा कहीं-कहीं ओलावृष्टि का प्रकोप होने से गेहूं की फसल को कुछ क्षति होने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि गेहूं के दाने बदरंग या चमकहीन हो सकते हैं और इसमें नमी का अंश बढ़ सकता है।
ध्यान देने की बात है कि केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने इस बार पंजाब में 130 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि सरकार को उम्मीद है कि वास्तविक खरीद 132 लाख टन पर पहुंच जाएगी। इसके अनुरूप ही एजेंसियों को गेहूं खरीदने के लिए आवश्यक तैयारी करने के वास्ते कहा गया है।