iGrain India - जकार्ता । इंडोनेशिया से फरवरी और मार्च में पाम तेल उत्पादों का निर्यात घटकर औसत मासिक स्तर से नीचे आ गया था लेकिन अप्रैल में निर्यात का प्रदर्शन सुधरने के संकेत मिल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है। व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इंडोनेशिया से फरवरी 2024 में 13 लाख टन तथा 1-27 मार्च के दौरान महज 8.85 लाख टन पाम तेल का निर्यात हुआ जो फरवरी-मार्च 2023 के औसत निर्यात 19.70 लाख टन से कम है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अप्रैल और मई में देश से पाम तेल के निर्यात का प्रदर्शन बेहतर रहने का अनुमान लगाया जा रहा है जिससे घरेलू बाजार दायित्व (डीएमओ) के रियलाइजेशन में बढ़ोत्तरी होगी। निर्यातकों को मई तथा जून में खाद्य तेल की वैश्विक मांग बढ़ने का भरोसा है।
इंडोनेशिया में डीएमओ योजना लागू है जिसके तहत निर्यातकों को एक निश्चित मात्रा में घरेलू प्रभाग में पाम तेल बेचना अनिवार्य होता है और इसके आधार पर ही उसे निर्यात का कोटा प्राप्त होता है। वर्तमान नियम के तहत घरेलू बाजार में एक टन पाम तेल बेचने पर निर्यातकों को 4 टन का निर्यात कोटा आवंटित होता है।
व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी में इंडोनेशियाई पाम तेल उत्पादों के निर्यात में 35 प्रतिशत की जोरदार गिरावट आ गई क्योंकि पाम तेल का भाव सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल एवं रेपसीड-कैनोला तेल जैसे प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों की तुलना में बहुत कम आकर्षक या प्रतिस्पर्धी रहा।
भारत में फरवरी-मार्च के दौरान पाम तेल का आयात अपेक्षाकृत कम हुआ जबकि यह सबसे प्रमुख आयातक देश है।