iGrain India - नई दिल्ली । मंडियों में कम आपूर्ति होने से गेहूं की सरकारी खरीद की गति धीमी पड़ गई है। दरअसल कुछ राज्यों में असामयिक बारिश होने से गेहूं के दाने में नमी का अंश बढ़ गया और इसे सुखाने में समय लग गया। सरकारी क्रय केन्द्रों पर सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) की गेहूं खरीदा जाता है।
आंधी-वर्षा के कारण तथा हरियाणा में फसल की कटाई-देर से शुरू हुई और इसमें बाधा भी पड़ती रही। सरकार ने पहले चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए 310-320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य नियत किया था जो गत वर्ष की कुल वास्तविक खरीद 262 लाख टन से करीब 18 प्रतिशत अधिक है।
लेकिन अब जो आंकड़ा सामने आ रहा है उससे गेहूं की खरीद का लक्ष्य 273 लाख टन के करीब बैठ रहा है। इसके तहत पंजाब में 130 लाख टन, मध्य प्रदेश एवं हरियाणा में 80-80 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन, राजस्थान में 20 लाख टन तथा बिहार में 2 लाख टन की खरीद का लक्ष्य भी शामिल है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के रबी सीजन में 1120.20 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है। केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर काफी नीचे आ जाने से इस बार इसकी खरीद बढ़ाना अत्यन्त आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। सरकार खरीद बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है।
गेहूं की कुल घरेलू खरीद 120 लाख टन के करीब पहुंची है अगर यह पिछले साल के 160 लाख टन से काफी पीछे है। इसका प्रमुख कारण पंजाब में खरीद की गति धीमी होना है क्योंकि वह केन्द्रीय पूल में इस अनाज का सबसे ज्यादा योगदान देने वाला राज्य है।
आगामी समय में सभी राज्यों में गेहूं को आवक बढ़ने की उम्मीद है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल तथा शेष राज्यों में 2275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। प्राइवेट व्यापारी एवं फ्लोर मिलर्स भी गेहूं की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। सरकार को खरीद का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है।