iGrain India - सिंगापुर । रूस, यूक्रेन तथा अमरीका जैसे प्रमुख निर्यातक देशों में मौसम शुष्क एवं गर्म रहने से गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में 26 अप्रैल को गेहूं का वायदा भाव कुछ नरम पड़ गया मगर पिछले चार-पांच दिनों की वृद्धि के कारण वायदा मूल्य में पिछले दो वर्षों की सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी दर्ज की गई। गेहूं के साथ-साथ मक्का एवं सोयाबीन के वायदा मूल्य में भी साप्ताहिक तेजी रही।
राबो बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी रूस तथा पूर्वी यूक्रेन में गर्म एवं शुष्क मौसम गहरी चिंता का कारण बना हुआ है। पिछले महीने से ही वहां सामान्य स्तर से काफी कम वर्षा हो रही है जबकि अगले सप्ताह भी वहां सीमित बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि सूखे का माहौल अगले महीने यानी माई में भी जारी रहा तो वहां गेहूं के उत्पादन अनुमान में भारी कटौती की जा सकती है।
सीबोट में सर्वाधिक सक्रिय अनुबंध के लिए गेहूं का वायदा भाव 0.2 प्रतिशत घटकर 6.19 डॉलर प्रति बुशेल रह गया। रूस-यूक्रेन के साथ-साथ अमरीका के कुछ महत्वपूर्ण गेहूं उत्पादक इलाकों में भी मौसम शुष्क बना हुआ है।
इससे उत्तरी गोलार्द्ध में वसंतकाल के दौरान गेहूं की फसल पर मौसम सम्बन्धी जोखिम पर सबका ध्यान केन्द्रित हो गया है। उल्लेखनीय है कि अमरीका, कनाडा, यूरोपीय संघ, रूस, यूक्रेन एवं ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की बिजाई अभी जारी है जबकि भारत, चीन एवं अन्य एशियाई देशों में फसल की कटाई-तैयारी हो रही है। दक्षिणी रूस में मई के आरंभ तक शुष्क मौसम से सीमित राहत मिलने की संभावना है। अमरीका के मैदानी भाग में थोड़ा-बहुत वर्षा हो सकती है।
चालू सप्ताह के दौरान सीबोट में गेहूं के वायदा मूल्य में 9.3 प्रतिशत की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जो मार्च 2022 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि है। यूरोपीय संघ में भी गेहूं के उत्पादन अनुमान में कटौती की गई है।