iGrain India - अहमदाबाद । प्रतिस्पर्धी मूल्य के कारण बांग्ला देश और चीन भारतीय रूई की तरह आकर्षित हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप चालू मार्केटिंग सीजन की पहली छमाही में यानी अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के दौरान भारत से रूई का निर्यात उछलकर 18 लाख गांठ पर पहुंच गया जो पिछले सीजन की समान अवधि के शिपमेंट 7.60 लाख गांठ से 137 प्रतिशत अधिक रहा।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान रूई के निर्यात में हुई दोगुने से ज्यादा की बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारण यह रहा कि इसका ऑफर मूल्य आकर्षण स्तर पर बरकरार रहा।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार 2022-23 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश से 15.60 लाख गांठ रूई का निर्यात हुआ था जबकि चालू मार्केटिंग सीजन की पहली छमाही में ही निर्यात उससे आगे निकल गया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार अक्टूबर-मार्च की अवधि में भारतीय रूई का दाम काफी हद तक प्रतिस्पर्धी रहा। कुछ समय के लिए तो भारतीय रूई का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य से 3000-4000 रुपए प्रति कैंडी नीचे रहा।
वैसे हाल के सप्ताहों में रूई का वैश्विक बाजार भाव कुछ नरम पड़ा है जिससे भारतीय रूई का दाम उसके समकक्ष या उससे थोड़ा ऊपर पहुंच गया है। 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन में भारत से रूई का कुल निर्यात बढ़कर 22 लाख गांठ से ऊपर पहुंच जाने का अनुमान है।
एसोसिएशन द्वारा 10 जून को लुधियाना (पंजाब) में होने वाली अपनी राष्ट्रीय फसल समिति की बैठक में रूई के उत्पादन एवं निर्यात के अनुमान की समीक्षा किए जाने की संभावना है।