iGrain India - मास्को । दुनिया के सबसे प्रमुख निर्यातक एवं तीसरे सबसे बड़े उत्पादक देश-रूस में खराब मौसम से फसल के लिए उत्पन्न खतरे को देखते हुए गेहूं का भाव तेज होने लगा है।
पहले वहां बारिश कम होने से मौसम शुष्क हो गया और अब घने कोहरे का प्रकोप देखा जा रहा है इससे रूस में गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
रूस के दक्षिणी भाग में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन होता है जबकि मौसम की हालत वहीं सबसे ज्यादा प्रतिकूल है। व्यापार विश्लेषणों के अनुसार आरम्भिक संकेतो से पता चलता है कि रूस में गेहूं की फसल संकट में है।
काला सागर क्षेत्र के एक अग्रणी कृषि बाजार विश्लेषक ने हाल ही में रूस के गेहूं का उत्पादन अनुमान 34 लाख टन घटाकर 896 लाख टन निर्धारित किया है विश्लेषक के मुताबिक जाड़े का सीजन वहां अनुकूल रहा था जिससे इस बार भी वहां गेहूं का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही थी
लेकिन पिछले दो महीनो से वहां मौसम की हालत काफी हद तक प्रतिकूल बनी हुई है। एक तो तापमान सामान्य स्तर से काफी ऊंचा होने के कारण कई भागो में असाधारण गर्मी पड़ी तथा सूखे की स्थिति बन गई
और अब घने कोहरे की वजह से फसल को नुकसान हो रहा है रूस में पिछले साल 928 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जबकि उत्पादन का पंचवर्षीय औसत 867 लाख टन आंका गया है।
रूस में उत्पादन घटने की आशंका से गेहूं का भाव तेज होने लगा है जिससे अन्य निर्यातक देशो में भी दाम बढ़ सकता है अमरीका के मिनियापोलिस एक्सचेंज में जुलाई अनुबंध के लिए गेहूं का वायदा भाव कुछ सप्ताह पूर्व 6.40 डॉलर प्रति बुशेल चल रहा था जो बढ़ते हुए 10 मई को 7.20 डॉलर प्रति बुशेल के उच्च स्तर पर पहुंच गया।