iGrain India - नई दिल्ली । देश के अधिकांश राज्यों में प्रचंड गर्मी का प्रकोप रहने से फलों, सब्जियों तथा दाल-दलहनों की कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है।
पश्चिमोत्तर भारत में मैदानी इलाकों- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान आदि में तापमान 45 डिग्री को पार कर चुका है। कई क्षेत्रों में 'लू' का प्रकोप जारी है। दाल-दलहन एवं सब्जियों के दाम पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है जबकि पहले से ही इसका भाव ऊंचे स्तर पर बरकरार है।
पहले मांग एवं आपूर्ति के बीच भारी अंतर रहने से सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ और बाढ़ में दाल-दलहनों की कीमतें भी तेज होने लगीं।
आलू, प्याज, टमाटर, अदरक (सौंठ) एवं लहसुन आदि का दाम उछलने से रसोईघर का बजट गड़बड़ा गया है जबकि दाल-दलहनों के ऊंचे भाव ने स्थिति और भी बिगाड़ दी है।
हालांकि अप्रैल में कुल मिलाकर खुदरा महंगाई दर घटकर 4.8 प्रतिशत रह गई जो पिछले 11 महीनों में सबसे कम है लेकिन दाल-दलहन का दाम ऊंचे स्तर पर ही मौजूद रहा।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में दलहनों के संवर्ग में अरहर (तुवर) में महंगाई दर 31.4 प्रतिशत, उड़द में 14.3 प्रतिशत, साबुत चना में 14.6 प्रतिशत तथा चना दाल में 13.6 प्रतिशत दर्ज की गई। दलहनों की मांग एवं खपत लगातार बढ़ती जा रही है जबकि इसकी आपूर्ति की गति धीमी है।
मौसम के प्रतिकूल होने से उप्तादन प्रभावित हो रहा है। हालांकि सरकार ने पांच प्रमुख दलहनों के आयात को पूरी तरह शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त कर दिया है लेकिन फिर भी कीमतों पर इसका कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है।
रबी कालीन दलहनों- चना, मसूर एवं मटर की आपूर्ति का पीक सीजन मार्च से मई तक माना जाता है मगर इस बार मंडियों में अपेक्षित आवक नहीं हो रही है।