iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह तुवर, देसी चना एवं काबुली चना पर भंडारण सीमा लागू की थी जबकि अब गेहूं पर भी उसे लागू करने की घोषणा की है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। ध्यान देने की बात है कि सरकार गेहूं तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों और खासकर आटा के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है और इसी क्रम में फ्लोर मिलर्स, प्रोसेसर्स एवं व्यापारियों / स्टॉकिस्टों के लिए गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने का उसने निर्णय लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है मगर फिर भी इसके आयात पर सीमा शुल्क में कटौती का विकल्प खुला रखा गया है।
नए भंडारण सीमा आदेश के तहत थोक विक्रेताओं के लिए अधिकतम 3000 टन तथा खुदरा विक्रेताओं के लिए 10 टन गेहूं की सीमा निर्धारित की गई है।
यह भंडारण सीमा आदेश 24 जून 2024 से प्रभावी होकर 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा। इससे घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
केन्द्रीय खाद्य सचिव का कहना है कि गेहूं के आयात पर लगे 40 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क को हटाने या खत्म करने का विकल्प तो खुला है मगर इसका उपयोग तभी किया जाएगा जब इसकी आवश्यकता महसूस होगी। खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं बेचने पर भी विचार किया जा रहा है।
जून 2023 से फरवरी 2024 के दौरान सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 101.50 लाख टन गेहूं की बिक्री का स्टॉक निर्धारित किया था जिसमें से करीब 94.10 लाख टन की बिक्री हो गई।
भारत ब्रांड नाम के तहत नैफेड, एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भंडारण जैसी सहकारी एजेंसियों को गेहूं 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से सस्ता आटा बेचने के लिए रियायती मूल्य पर बफर स्टॉक से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है।