iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आज यानी 24 जून 2024 को एक आदेश जारी करके गेहूं पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) तत्काल से लागू कर दिया है लेकिन जानकारों का कहना है कि इस निर्णय का घरेलू बाजार पर कोई खास असर नहीं पडेग क्योंकि विधिक इकाइयों के लिए यह आदेश जारी हुआ है
उसके पास पहले से ही गेहूं का सिमित स्टॉक मौजूद है। थोक मंडियों में भी गेहूं की बहुत कम आवक हो रही है और स्वयं मिलर्स प्रोसेसर्स सरकार से गेहूं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। गेहूं पर कुल 44 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू है।
खाद्य विभाग ने व्यापारी / थोक विक्रेता के लिए 3000 टन गेहूं की अधिकतम मात्रा का स्टॉक नियत किया है। इसी तरह मिलर्स / प्रोसेसर्स के लिए गेहूं की भंडारण सीमा मासिक संचित क्षमता की 70 प्रतिशत मात्रा को 2024-25 के शेष महीनों से गुणा के बराबर नियत की गई है।
आदेश में कहा गया है कि जिन फर्मों के पास नियत मात्रा से अधिक गेहूं का स्टॉक मौजूद है उसे 30 दिन के अंदर अपने स्टॉक को घटाकर इस सीमा में लाना होगा। यह आदेश सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए प्रभावी होगा।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं बिहार जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की सीमित आवक हो रही है और इसका भाव सरकारी समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल से ऊंचा चल रहा है। सरकारी स्टॉक भी अभी बाजार में नहीं आया है।