iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 15 जून 2024 को केन्द्रीय पूल में कुल 633.45 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था जो 1 जून को उपलब्ध स्टॉक 624.23 लाख टन से 9.22 लाख टन अधिक था। इसके तहत चावल का टोक 325.18 लाख टन से बढ़कर 331.19 लाख टन तथा गेहू का स्टॉक 299.05 लाख टन से सुधरकर 302.26 लाख टन पर पहुंच गया।
लेकिन धान का स्टॉक 267.76 लाख टन से घटकर 257.22 लाख टन रह गया जबकि मोटे अनाजों का स्टॉक 3.92 लाख टन से कुछ सुधरकर 4.25 लाख टन हो गया।
गेहूं की सरकारी खरीद लगभग समाप्त हो चुकी है और रबी कालीन धान की खरीद भी अंतिम चरण में पहुंच गयी है। चूंकि कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स के पास अभी सरकारी धान का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है इसलिए केन्द्रीय पूल के लिए चावल की आपूर्ति नियमित रूप से आगे भी जारी रहेगी। लेकिन गेहूं की आपूर्ति अब अगले साल ही संभव हो सकेगी।
सरकार को पीडीएस में आपूर्ति के लिए 184 लाख टन गेहूं की वार्षिक जरूरत पड़ेगी जबकि वह अन्य मदों में भी इसकी निकासी सुनिश्चित करेगी।
जुलाई अगस्त से 25 लाख टन के शुरूआती आवंटन के साथ खुले बाजार बिक्री योजना का दोबारा आगाज किए जाने की संभावना है।
इसके आधार पर सरकार कह रही है कि उसके पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। ओएमएसएस में सितंबर से फरवरी 2025 तक गेहूं का आवंटन बढ़ाना पड़ सकता है क्योंकि ऑफ सीजन में गेहूं का भाव तेज हो सकता है।