iGrain India - लखनऊ । देश के सबसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश में इस महत्वपूर्ण अनाज की सरकारी खरीद लगातार तीसरे साल भी नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।
राज्य में चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए 60 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य नियत किया गया था जबकि इसकी वास्तविक खरीद 9.31 लाख टन पर सिमट गई। इससे पूर्व वहां वर्ष 2023 में 2.19 लाख टन एवं 2022 में 3.16 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।
समझा जाता है कि किसानों ने पिछले दो साल की भांति इस वर्ष भी सरकारी एजेंसियों के बजाए प्राइवेट व्यापारिक फर्मों एवं फ्लोर मिलों को अपना गेहूं बेचने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई क्योंकि सरकारी एजेंसियां 2275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद रही थी जबकि व्यापारी एवं मिलर्स किसानों के इससे ऊंचा दाम दे रहे थे।
हालांकि सरकार ने किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने का हर संभव प्रयास किया मगर फिर भी इसकी मात्रा 9.31 लाख टन तक ही पहुंच सकी जो पिछले दो साल की तुलना में बेहतर होने के बावजूद नियत लक्ष्य से बहुत कम रही।
ज्ञात हो कि वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में 56.41 लाख टन गेहूं की खरीद 13 लाख से ज्यादा किसानों से की गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 4.20 लाख किसानों ने गेहूं किसी का रजिस्ट्रेशन करवाया था मगर 1.80 लाख ने ही इसकी बिक्री की।