iGrain India - विनीपेग । कनाडा के अधिकांश भाग में कैनोला की फसल काफी अच्छी हालत में है लेकिन कहीं-कहीं मौसम देश रहने एवं खेतों में नमी का अंश ज्यादा होने से इसकी प्रगति की रफ्तार थोड़ी धीमी है। वहां धूप की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
कनाडा के कृषि मंत्रालय की जून रिपोर्ट में कैनोला का घरेलू उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले 3 प्रतिशत घटकर 214 लाख एकड़ तथा उत्पादन भी गिरकर 181 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह कैनोला का अंतिम बकाया स्टॉक 25 लाख टन रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
व्यापार विश्लेषक अब भी यूरोपीय संघ में कैनोला रेपसीड की बिजाई एवं फसल की हालत की तस्वीर स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इस पर कनाडाई कैनाल एवं इसके तेल तथा मील का निर्यात काफी हद तक निर्भर करेगा।
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में कैनोला की फसल पर गहरी नजर रखी जा रही है। यूरोपीय संघ में यूक्रेन से भी बड़ी मात्रा में रेपसीड का निर्यात होता है।
यूरोपीय संघ में रेपसीड फसल के विकास के लिए मौसम काफी चुनौतीपूर्ण रहने की खबर आ रही है। आगामी सप्ताहों के दौरान वहां इसके उत्पादन की तस्वीर बेहतर ढंग से सामने आ सकती है।
ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार ने टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) प्राणाली के तहत 1.50 लाख टन रिफाइंड रेपसीड तेल के आयात की स्वीकृति प्रदान की है।
इसका आयात मुख्यत:यूरोपीय संघ एवं यूक्रेन से किए जाने की संभावना है। कुछ अन्य देश भी इसकी आपूर्ति कर सकते हैं। विनीपेग एक्सचेंज में आगामी फसल के कैनोला का वायदा भाव हाल ही में कुछ मजबूत हुआ है
जबकि हाजिर रूप में कैनोला की पुरानी एवं नई (आगामी) फसल का भाव 12.75-13.00 डॉलर प्रति बुशेल बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कनाडा दुनिया कैनोला एवं इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है।