iGrain India - नई दिल्ली । आमतौर पर गेहूं की सरकारी खरीद का मार्केटिंग सीजन 1 अप्रैल से 30 जून के बीच माना जाता है। जून का महीना अब समाप्त होने वाला है और इसके साथ ही सरकारी खरीद की प्रक्रिया भी औपचारिक तौर पर बंद हो जाएगी।
वैसे इस बार उतर प्रदेश में 1 मार्च से ही गेहूं खरीदने का निर्णय लिया गया था और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में भी मध्य मार्च से पूर्व इसे शुरू करने की घोषणा हुई थी।
आवश्यकता पर 30 जून के बाद भी गेहूं की खरीद जारी रखी जा सकती है लेकिन इस बार पोजीशन अनुकूल नहीं है और सरकारी खरीद पहले ही बंद हो चुकी है।
पिछले साल 262 लाख टन गेहूं केन्द्रीय पूल के लिए खरीदा गया था जो इस बार बढ़कर 262-266 लाख टन के बीच पहुंचा। लेकिन दूसरी ओर 1 अप्रैल 2023 की तुलना में 1 अप्रैल 2024 को गेहूं का स्टॉक घटकर काफी नीचे आ गया।
इससे सरकार को ठोस निर्णय लेने में असुविधा हो रही है। घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने के लिए केन्द्रीय पूल से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की साप्ताहिक नीलामी बिक्री शुरू करने के बजाए सरकार ने इस खाद्यान्न पर भंडारण सीमा लागू कर दी है जबकि मिलर्स-प्रोसेसर्स एवं व्यापारियों के पास गेहूं का सीमित स्टॉक बचा हुआ है।
उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने यानी जुलाई से ओएमएसएस को शुरू किया जा सकता है क्योंकि मंडियों में अब भी सीमित आवक के साथ गेहूं का भाव ऊंचा चल रहा है।