iGrain India - मास्को । काला सागर क्षेत्र में अवस्थित देश- रूस में वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 के दौरान मसूर का बिजाई क्षेत्र 50 प्रतिशत से भी अधिक बढ़कर 3 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया मगर मौसम एवं वर्षा की हालत अनुकूल नहीं रहने से औसत उपज दर में गिरावट की आशंका को देखते हुए कुल उत्पादन 3.00-3.50 लाख टन के बीच रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मसूर की नई फसल की कटाई-तैयारी अगस्त में शुरू होने की संभावना है। मसूर के कुल उत्पादन में 70 प्रतिशत या करीब 2.50 का योगदान हरी मसूर का तथा शेष योगदान लाल मसूर का रहेगा।
क्रीमिया प्रान्त में मसूर की सीमित मगर अगैती खेती होती है जो मुख्यत: लाल श्रेणी की रहती है। वहां कहीं-कहीं नई फसल की कटाई हुई है मगर उपज दर औसत स्तर से काफी नीचे देखी जा रही है। भारतीय उपमहाद्वीप एवं मध्य पूर्व के देशों के लिए इसका सी एन एफ सांकेतिक मूल्य 725-730 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रूस में अमरीकी डॉलर के सापेक्ष: रूबल की विनिमय दर के आधार पर मसूर पर करीब 7 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया जाता है।
वर्तमान समय में रूस के पास व्यावहारिक तौर पर मसूर का निर्यात योग्य स्टॉक मौजूद नहीं है इसलिए हरी या लाल मसूर का ऑफर मूल्य केवल सांकेतिक माना जा रहा है। समझा जाता है कि रूस से मसूर के सम्पूर्ण अधिशेष स्टॉक का या तो निर्यात शिपमेंट का अनुबंध पहले ही हो चुका है।
यूक्रेन में करीब 30 हजार टन मसूर के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है जिसमें 18 हजार टन (60 प्रतिशत) हरी मसूर एवं 12 हजार टन (40 प्रतिशत) लाल मसूर का योगदान रहने की उम्मीद है। वहां इसका भाव 740 डॉलर प्रति टन के आसपास रह सकता है।
कजाकिस्तान उत्तरी-मध्यवर्ती क्षेत्र में मौसम की स्थिति प्रतिकूल है जबकि यह मसूर का महत्वपूर्ण उत्पादक इलाका माना जाता है। वहां वर्ष 2017 में मसूर का उत्पादन 3.13 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था मगर वर्ष 2023 तक आते-आते घटकर 1.93 लाख टन रह गया।
वहां चालू वर्ष के दौरान करीब 2 लाख टन मसूर का उत्पादन होने की संभावना है जबकि पहले 2.50 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा था। कुल उत्पादन में लाल मसूर की भागीदारी 1.50 लाख टन एवं हरी मसूर की हिस्सेदारी 50 हजार टन के करीब रह सकती है।