iGrain India - नई दिल्ली । गेहूं की खरीद का मार्केटिंग सीजन (अप्रैल-जून) अब समाप्त हो चुका है। इस बार केन्द्रीय पूल के लिए 266 लाख टन गेहूं खरीदा गया जो पिछल साल से 4 लाख टन या 1.5 प्रतिशत ज्यादा रहा।
1 जुलाई 2024 को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास 297.60 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जो इस तिथि के लिए नियत न्यूनतम आवश्यक मात्रा 275.80 लाख टन से अधिक है। गेहूं की खरीद का सीजन 30 जून को समाप्त हो गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा अन्य कल्याणकारी योजनों की जरूरतों को पूरा करने तथा बाजार में प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। गरीब कालीन योजना के तहत लगभग 184 लाख टन गेहूं की वर्षिक आपूर्ति की जरूरत पड़ती है।
चालू वर्ष के दौरान देश के लगभग 21 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 266 लाख टन गेहूं की खरीद की गई और इसके दाम के रूप में किसानों के बैंक खाते में 57,539 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया गया। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 2125 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर इस बार 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया।
पंजाब में पांच एजेंसियों द्वारा केन्द्रीय पूल के लिए 124.60 लाख टन गेहूं खरीदा गया जो 130 लाख टन के नियत लक्ष्य से कुछ पीछे रह गया। इसी तरह हरियाणा में 80 लाख टन के नियत लक्ष्य की तुलना में 71.50 लाख टन गेहूं की खरीद हुई।
लेकिन मध्य प्रदेश में कुल खरीद 47.10 लाख टन तक ही पहुंच सकी जो 80 लाख टन के नियत लक्ष्य से काफी कम रही। इसके अलावा उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में भी लक्ष्य से काफी कम गेहूं खरीदा जा सका।
पिछले मार्केटिंग सीजन में 28 जून से 28 फरवरी के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना के तहत सरकार द्वारा लगभग 100 लाख टन गेहूं बेचा गया जिससे कीमतों में तेज उछाल नहीं आ सका।