iGrain India - हैदराबाद । ऑयल पाम (पाम फली) का दाम घटकर 13,000 रुपए प्रति टन से भी नीचे आने से तेलंगाना के किसान नाराज हैं और वे सरकार से इसमें तत्काल हस्तक्षेप करके इसका मूल्य कम से कम 25,000 रुपये प्रति टन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2022 की तुलना में 2024 के दौरान पाम का भाव करीब 50 प्रतिशत नीचे चल रहा है।
ऑयल पाम ग्रोअर्स सोसायटी के अनुसार वर्तमान मूल्य स्तर किसानों के लिए लाभप्रद नहीं है और इससे वे उत्पादन के प्रति हतोत्साहित हो सकते हैं।
सोसायटी के इस चुनौतियों एवं कठिनाइयों को दूर करने हेतु एक ऑयल पाम बोर्ड स्थापित करने की मांग की है जो उत्पादकोण की परेशानी का कारण बना हुआ है।
इससे अच्छी किस्मों के इनपुट का उपयोग सुनिश्चित करने तथा अन्य मुद्दों को सुलझाने में भी सहायता मिलेगी। ऑयल पाम बागानों के विकास-विस्तार के लिए बोर्ड का गठन होना आवश्यक है और सरकार को तत्काल इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
तेलंगाना में खम्माम जिले को ऑयल पाम का सबसे प्रमुख क्षेत्र माना जाता है। वहां प्रत्येक वर्ष करीब 3 लाख टन पाम के ताजे फल के गुच्छे (फ्रेस फ्रूट बंचेज या एफएफबी) का उत्पादन होता है।
चूंकि वहां आगामी क्षेत्र का काफी विकास-विस्तार हुआ है इसलिए अगले दो साल में उत्पादन लगभग दोगुना बढ़ जाने की उम्मीद है।
सोसायटी के अनुसार ऑयल पाम बोर्ड पाम की फसल को रेग्युलेट कर सकता है और जो कंपनियां पाम की नर्सरी लगाने तथा रिफाइनिंग इकाइयों की स्थापना के लिए सरकार से जमीन प्राप्त करती हैं उस पर नियंत्रण भी रख सकता है।
ऑयल पाम का भाव पहले कभी घटकर इतना नीचे नहीं आया। पाम तेल पर आयात शुल्क नगण्य होने से ऑयल पाम का मूल्य घट रहा है। ऐसी हालत में स्वदेशी उत्पादकों के लिए पाम का उत्पादन जारी रखना कठिन हो गया।