iGrain India - मास्को । हालांकि रूस के यूराक एवं साइबेरिया संघीय जिलों में मटर की फसल काफी अच्छी हालत में है लेकिन देश के दक्षिणी भागमें प्रतिकूल मौसम के कारण कुछ कमजोर बताई जा रही है।
आमतौर पर व्यापार विश्लेषक इससे सहमत है कि 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (जुलाई-जून) के दौरान रूस से मटर का निर्यात घट सकता है लेकिन इसमें कितना गिरावट आएगी इसकाअलग-अलग अनुमान सामने आ रहा है।
एक अग्रणी प्रेक्षक के मुताबिक रूस में मटर की फसल अच्छी है और एक बार फिर वहां इसका उत्पादन 40 लाख टन से ऊपर पहुंच सकता है।
रूस से इस बार चीन और भारत में मटर का भारी आयात होने की संभावना है। भारत सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया है जबकि चीन में मटर का निर्बाध आयात होने का नियम प्रचलित है।
प्रेक्षक के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान रूस से करीब 30 लाख टन मटर का निर्यात हुआ था जो 2024-25 के सीजन में घटकर 25 लाख टन के आसपास रह सकता है।
एक अन्य समीक्षक के मुताबिक चालू सीजन के दौरान रूस में मटर का उत्पादन घटकर 37.50 लाख टन पर तथा वहां से इसका निर्यात लुढ़ककर 1750 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है।
रूस के दक्षिणी भाग में मटर का उत्पादन काफी घटने की आशंका है। विटेरा कम्पनी के एक विश्लेषक ने कहा है कि 2024-25 के दौरान मटर के वैश्विक बाजार का परिदृश्य इस बात पर निर्भर करेगा कि रूस में वास्तविक उत्पादन कितना होता है और भारत में मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 अक्टूबर 2024 से आगे बढ़ाई जाती है या नहीं।
यदि रूस में उत्पादन घटता है और भारत में आयात की समय सीमा वैश्विक बाजार में मटर का भाव ऊंचा और तेज हो सकता है। इससे कनाडा को विशेष फायदा होगा क्योंकि वहां उत्पादन बढ़ने के आसार हैं।
रूस से 2023-24 के सीजन में 30 लाख टन मटर का शानदार निर्यात होने के कारण वैश्विक बाजार भाव काफी हद तक स्थिर बना रहा।