iGrain India - ओएमएसएस में देरी होने से गेहूं बाजार में तेजी
नई दिल्ली। पिछले साल 28 जून को खुले बाजार बिक्री योजन (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन चालू वर्ष में सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि निगम ने गेहूं की बिक्री से सम्बन्धित अपनी रणनीति का विवरण खाद्य मंत्रालय को दे दिया है मगर जब तक वहां से स्वीकृति नहीं मिलेगी तब तक योजना चालू नहीं हो सकती है। इधर प्रमुख उत्पादक राज्यों की थोक मंडियों में 27 जून - 5 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान सीमित आवक एवं मजबूत मांग के कारण गेहूं के दाम में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। हालांकि गेहूं का दाम घटाने के लिए सरकार ने भंडारण सीमा लागू कर रखा है मगर मंडी भाव पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
दिल्ली
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 10 रुपए सुधरकर 2690/2700 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। यहां चार दिन 8 हजार बोरी से अधिक गेहूं आया जबकि शेष दो दिन इसकी आवक 4000/5000 बोरी रही। दूसरी ओर गेहूं का भाव गुजरात के गोंडल में 50 रुपए तथा राजकोट में 200 रुपए घटकर क्रमश: 2200/3050 रुपए प्रति क्विंटल एवं 2500/2800 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया मगर मध्य प्रदेश के इंदौर एवं देवास में 200-200 रुपए उछलकर क्रमश: 2500/3100 रुपए एवं 2300/4000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक अपेक्षाकृत बहुत कम हो रही है। वहां गेहूं का भाव इटारसी मंडी में 160 रुपए तथा खंडवा में 30 रुपए बढ़ गया।
राजस्थान
राजस्थान में सीमित आवक के बावजूद कमजोर मांग के कारण गेहूं का दाम कोटा में 50 रुपए, बारां में 40 रुपए तथा बूंदी में 100 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गया। उत्तर प्रदेश में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ गेहूं का भाव लगभग स्थिर बना रहा।
सरकारी खरीद
गेहूं की सरकारी खरीद गत वर्ष के 262 लाख टन से 4 लाख टन बढ़कर इस बार 266 लाख टन पर पहुंची मगर पिछला बकाया स्टॉक काफी कम रहने से सरकार इसका उपयोग काफी सोच-समझकर करना चाहती है इसलिए ओएमएसएस में देरी हो रही है।