iGrain India - धनिया कीमतों में गिरावट मगर अधिक मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान धनिया की कीमतों में नरमी रही। हालांकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया की आवक काफी रह गई है लेकिन हाजिर एवं निर्यात व्यापार कम होने के कारण कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। मगर सूत्रों का मानना है कि वर्तमान कीमतों में अब मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि उत्पादक राज्यों में पर्याप्त बारिश होने के कारण किसान खरीफ फसलों की बिजाई में व्यस्त हो गए हैं। जिस कारण मंडियों में धनिया की आवक आगामी दिनों में कम ही रहेगी।
कीमतों में गिरावट
गत सप्ताह वायदा एवं हाजिर बाजार में धनिया के भाव मंदे के साथ बोले गए। वायदा बाजार में जुलाई माह का धनिया 9362 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 7204 रुपए पर बंद हुआ है। जबक अगस्त माह का धनिया 7460 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताहांत में 7308 रुपए पर बंद हुआ है। वायदा के मंदे समाचारों के कारण हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें 100/200 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोली गई मगर घटे भावों पर व्यापार सीमित रहा।
आवक घटी
जानकार सूत्रों का कहना है कि कुल उत्पादन का लगभग 80/85 प्रतिशत माल मंडियों में आ जाने के कारण मंडियों में धनिया की आवक घट गई है। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में धनिया का कुल उत्पादन 1/1.10 लाख बोरी के आसपास होने के समाचार है। वर्तमान गुजरात की गोंडल मंडी में धनिया की आवक 4000/4500 बोरी, राजकोट 600 बोरी एवं जूनागढ़ में 250 बोरी की रह गई है। जबकि राजस्थान की प्रमुख मंडी रामगंज में आवक 2000 बोरी, कोटा 1000 बोरी एवं बारां में 800/1000 बोरी की हो रही है। मध्य प्रदेश की कुम्भराज मंडी में दैनिक औसतन आवक 1200/1500 बोरी एवं गुणा 2000/2500 बोरी के अलावा नीमच मंडी में 700/1000 बोरी की हो रही है।
कीमतों में तेजी संभव
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में धनिया के भाव अपने न्यूतम स्तर पर बोले जा रहे हैं। वर्तमान भावों में मन्दा संभव नहीं है। क्योंकि आगामी दिनों में मंडियों में आवक कम रहेगी। इसके अलावा बारिश का मौसम समाप्त हो जाने के पश्चात मसाला निर्यातकों के अलावा निर्यातकों की मांग भी बढ़ेगी जिस कारण से आगामी दिनों में धनिया की क़ीमतों में 10/15 रुपए तेजी बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
बिजाई होगी प्रभावित
कारोबारियों का मानना है कि अगर धनिया की कीमतों में तेजी नहीं बनती है तो दूसरे वर्ष भी उत्पादक राज्यों में धनिया की बिजाई घट सकती है। उत्पादक केन्द्रों पर धनिया की बिजाई का कार्य अवश्य ही प्रभावित होगा। उल्लेखनीय है कि उत्पादक केन्द्रों पर धनिया की बिजाई का कार्य अक्टूबर-नवम्बर माह में शुरू हो जाता है। धनिया का मुख्यत: उत्पादन गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राज्थान में होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में देश में धनिया की बिजाई लगभग 5 लाख हेक्टेयर पर की गई थी। जोकि वर्ष 2024 में घटकर 3.60/3.70 लाख हेक्टेयर पर आ गई है।
रिकॉर्ड निर्यात
गत सीजन में धनिया की कीमतें मंदी होने के कारण वर्ष 2023-24 के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात किया गया। मसाला द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान धनिया का निर्यात 107624 टन का हुआ। जबकि 2022-23 में निर्यात 54481 टन एवं वर्ष 2021-22 में 48656 टन का निर्यात किया गया था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम माह अप्रैल में धनिया का निर्यात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। और गत अप्रैल के मुकाबले निर्यात या प्रतिशत घट गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल- 2023 में धनिया का निर्यात 11486.6 टन का हुआ था जोकि अप्रैल-2024 में घटकर केवल 6054.49 टन का रह गया।