iGrain India - नई दिल्ली । प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में माल की कम आवक के बावजूद कारोबार सीमित होने से धनिया के दाम में भारी उतार-चढ़ाव नहीं देखा जा रहा है और निकट भविष्य में बाजार में जोरदार तेजी-मंडी की संभावना भी नजर नहीं आ रही है।
दरअसल इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग कुछ कमजोर पड़ गई है जिससे भाव एक निचित सीमा में स्थिर सा हो गया है। धनिया के तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों - राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की मूसलाधार बारिश होने लगी है।
राजस्थान की रामगंज, बारां मंडियों में धनिया की आवक उम्मीद से कम हो रही है। पिछले सप्ताह के अंत में रामगंज में 2500-3000 बोरी एवं बारां में 1000-1200 बोरी धनिया की आवक हुई और कीमत 6600-7200 रुपए प्रति क्विंटल के बीच स्थिर रही। गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों में भी धनिया की उल्लेखनीय आपूर्ति नहीं हुई।
2023-24 के सीजन के दौरान धनिया का बिजाई क्षेत्र राजस्थान में लगभग स्थिर रहा और मध्य प्रदेश में कुछ बढ़ गया। लेकिन गुजरात में उत्पादकों द्वारा जीरा की खेती को विशेष प्राथमिकता दिए जाने से धनिया के क्षेत्रफल में भारी गिरावट आ गई।
इसे देखते हुए इसके कुल राष्ट्रीय उत्पादन में 2022-23 सीजन के मुकाबले कुछ कमी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। फसल की कटाई-तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी है।
धनिया का निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहने से कीमतों को ऊपर बढ़ने का मजबूत सहारा नहीं मिल रहा है। अप्रैल 2024 में 6054 टन से कुछ अधिक धनिया का निर्यात हुआ जिससे 61.63 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इसके मुकाबले अप्रैल 2023 में 95.93 करोड़ रुपए मूल्य के 11,487 टन धनिया का निर्यात हुआ था।
देश के लगभग सभी भागों में मानसून का पहुंचने तथा अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश होने से धनिया की दिसावरी मांग कमजोर पड़ गई है।
अभी लग्नसरा एवं मांगलिक उत्सवों के साथ कोई बड़ा पर्व-त्यौहार भी नहीं है इसलिए धनिया की मांग एवं खपत में ज्यादा बढ़ोत्तरी होना मुश्किल लगता है। निर्यात मांग बढ़ने पर ही धनिया में कुछ तेजी आ सकती है।