iGrain India - मनीला । संयुक्त राष्ट्र संघ की अधीनस्थ एजेंसी- खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) के फिलीपींस में वर्ष 2025 के दौरान चावल का आयात बढ़कर 38 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है।
एजेंसी क अनुसार अगले साल फिलीपींस में करीब 130 लाख टन चावल का उत्पादन हो सकता है जबकि इसकी घरेलू मांग एवं खपत बढ़कर 170 लाख टन के आसपास पहुंच जाएगी।
फाओ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग एवं खपत में नियमित रूप से इजाफा होता रहेगा जिससे वहां चावल का आयात भी बढ़ता रहेगा। अगले पांच साल में यानी वर्ष 2029 तक फिलीपींस में चावल का उत्पादन बढ़कर 140 लाख टन तथा उपयोग बढ़कर 180 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है
जिससे आयात भी बढ़कर 45 लाख टन पर पहुंच जाएगा। इसी तरह वर्ष 2033 में वहां चावल का उत्पादन तो 140 लाख टन पर ही स्थिर रहेगा मगर इसका उपयोग उछलकर 190 लाख टन तथा आयात बढ़कर करीब 51 लाख टन पर पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में अवस्थित फिलीपींस चावल के अग्रणी आयातक देशों में शामिल हैं जहां वियतनाम एवं थाईलैंड जैसे पड़ोसी देशों से विशाल मात्रा में इसका आयात किया जाता है।
फाओ ने वर्ष 2033 तक चावल का वैश्विक उत्पादन वर्तमान समय की तुलना में 6 करोड़ टन बढ़कर 58.70 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। इसके लिए धान-चावल की औसत उपज दर में अच्छी बढ़ोत्तरी को कारण माना जा रहा है।
इसके अलावा एशियाई देशों में धान का क्षेत्रफल भी बढ़ने के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि संसार में चावल का अधिकांश उत्पादन एशिया में होता है जहां चीन, भारत, बांग्ला देश, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान एवं म्यांमार इसके प्रमुख उत्पादक देश हैं।
फिलीपींस में भी चावल का अच्छा उत्पादन होता है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 तक चीन को पीछे छोड़कर भारत धान-चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन सकता है जिससे दुनिया के सबसे प्रमुख चावल निर्यातक देश का इसका दर्जा बरकरार रहेगा।