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कम आवक से सरसों के दाम में मजबूती बरकरार रहने की संभावना

प्रकाशित 08/07/2024, 11:43 pm
कम आवक से सरसों के दाम में मजबूती बरकरार रहने की संभावना
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iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। सरकारी एजेंसी- नैफेड की अच्छी लिवाली से सरसों के दाम में तेजी मजबूती का जो आधार बन गया था वह कमोबेश आगे भी बरकरार रहने की संभावना है।

हालांकि उद्योग- व्यापार संगठनों ने रबी तिलहन तेल सेमिनार में 121 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान लगाया था लेकिन अब कुछ जानकार यह मानकर चल रहे हैं कि वास्तविक उत्पादन इससे करीब 5 लाख टन कम हुआ है क्योंकि कुछ क्षेत्रों में सरसों की प्रति हेक्टेयर उपलब्धता उम्मीद से नीचे रही।

प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में सरसों की दैनिक आवक भी घटने लगी है जबकि मांग मजबूत रहने के संकेत मिल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार का रूख भी सरसों एवं इसके तेल की क़ीमतों को मजबूत बनाए रखने के लिए अनुकूल है। 

उल्लेखनीय है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में अप्रैल-मई की पीक अवधि के दौरान एक समय राष्ट्रीय स्तर पर थोक मंडियों में सरसों की औसत दैनिक आवक भी घटने लगी है जबकि मांग मजबूत रहने के संकेत मिल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार का रूख भी सरसों एवं इसके तेल की कीमतों को मजबूत बनाए रखने के लिए अनुकूल है।

 उल्लेखनीय है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में अप्रैल-मई की पीक अवधि के दौरान एक समय राष्ट्रीय स्तर पर थोक मंडियों में सरसों की औसत दैनिक आवक बढ़कर 10-11 लाख बोरी (50 किलो की प्रत्येक बोरी) तक पहुंच गई थी जो अब घटकर 3.00-3.50 लाख बोरी रह गई है।

इससे संकेत मिलता है कि या तो किसानों के पास स्टॉक तेजी से घटता जा रहा है या वे वर्तमान मूल्य स्तर पर भी अपना माल जल्दी-जल्दी बेचने के इच्छुक नहीं है।

ऐसा प्रतीत होता है कि छोटे एवं मध्यम श्रेणी के किसान अपनी सरसों के स्टॉक का बड़ा भाग पहले ही बेच चुके हैं और अब बड़े-बड़े उत्पादकों के पास माल का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है जो इसे धीरे-धीरे बेचने का प्रयास कर सकते हैं। 

वैश्विक बाजार में विभिन्न कारणों से सोयाबीन, सूरजमुखी एवं ऑयल पाम का भाव ऊंचा हो गया है जिससे इसके तेल की कीमत भी मजबूत हो गई है।

भारत में इसकी पहुंच का खर्च बढ़ गया है। कुछ समय तक बाजार ऊंचा रह सकता है। राजस्थान के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में सरसों की आवक अपने पीक स्तर के मुकाबले अब करीब 40-45 प्रतिशत घट गई है।

इसके फलस्वरूप जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव मई के आरंभ में प्रचलित मूल्य 5300/5325 रुपए प्रति क्विंटल से उछलकर अब 6140/6150 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है।

इसी तरह सरसों तेल का दाम भी 98-99 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 117-118 रुपए प्रति किलो हो गया है।  

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