iGrain India - भोपाल । वर्ष 2021 में केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने के बाद वर्ष 2024 के दौरान मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 के मुकाबले इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की सरकारी खरीद में 33 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई जो किसी भी अन्य प्रान्त की तुलना में सबसे अधिक रही।
इतना ही नहीं बल्कि राज्य की 175 खुली मंडियों में गेहूं की बिक्री भी 10 प्रतिशत कम हुई। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में 2023 के मुकाबले 2024 में गेहूं का उत्पादन 224.10 लाख टन से गिरकर 212.10 लाख टन पर सिमट गया और इसी तरह गेहूं की सरकारी खरीद भी 71 लाख टन से घटकर 48 लाख टन पर अटक गई।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार इस बार मध्य प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक उत्पादकों ने या तो आगे दाम बढ़ने की उम्मीद से गेहूं का स्टॉक अपने पास रोक लिया अथवा न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचे भाव पर प्राइवेट क्षेत्र को इसकी बिक्री कर दी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पूल के लिए 2020-21 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में पंजाब से भी ज्यादा गेहूं की खरीद हुई थी लेकिन उसके बाद से खरीद में गिरावट आने लगी।
दूसरी ओर प्राइवेट व्यापरियों ने सीधे किसानों से ऊंचे दाम पर भारी मात्रा में गेहूं खरीदना शुरू कर दिया। मध्य प्रदेश की 175 अनाज मंडियों में इस बार पिछले साल से 5 लाख टन गेहूं की कम बिक्री हुई।
मार्च से जून 2024 के दौरान 59 लाख टन गेहूं की बिक्री हो सकी जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 64 लाख टन गेहूं बेचा गया था।
ध्यान देने की बात है कि मध्य प्रदेश में सर्वोत्तम क्वालिटी के शरबती एवं लोकवान गेहू का भाव 2800/3100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि बोनस के साथ इसका सरकारी मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल ही है।
किसानों को आगे गेहूं का दाम और भी बढ़ने का भरोसा है इसलिए वे वर्तमान मूल्य स्तर पर भी एप स्टॉक की सीमित बिक्री कर रहे हैं।