iGrain India - न्यूयार्क । भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा सामन्य से ज्यादा होने की भविष्यवाणी किए जाने तथा गन्ना के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने से 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी का बेहतर उत्पादन होने के आसार बढ़ गए हैं।
इससे वैश्विक बाजार में कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। न्यूयार्क एक्सचेंज में अक्टूबर अनुबंध के लिए कच्ची चीनी (रॉ शुगर) का वायदा भाव पिछले दिन 0.09 सेंट प्रति पौंड या 0.45 प्रतिशत घट गया।
इसी तरह लंदन एक्सचेंज में सफेद चीनी (व्हाइट शुगर) का वायदा मूल्य अगस्त डिलीवरी के लिए 13.20 डॉलर प्रति टन का 2.30 प्रतिशत नीचे आ गया।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून के वर्तमान सीजन में 1 जून से 7 जुलाई तक देश में 225.7 मि०मी० बारिश हुई जो इस अवधि के लिए दीर्घकालीन औसत 221.6 मि०मी० से करीब 2 प्रतिशत ज्यादा है। चीनी के दाम पर एक और कारण से दबाव पड़ रहा है।
शीर्ष उद्योग संस्था- इस्मा ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के अंत में उद्योग के पास 91 लाख टन चीनी का विशाल अधिशेष स्टॉक मौजूद रहने का अनुमान लगाया है जो आगामी मार्केटिंग सीजन के शुरूआती तीन महीनों की घरेलू मांग एवं खपत से 36 लाख टन ज्यादा है।
इस्मा ने सरकार से इस अतिरिक्त चीनी के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह भी किया है। ज्ञात हो कि भारत से चीनी के निर्यात पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है।
मालूम हो कि 2022-23 के मार्केटिंग सीजन हेतु सरकार ने 61 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी जिसकी समयावधि 31 मई 2023 को समाप्त हो गई। उसके बाद निर्यात पर प्रतिबंध लागू हो गया।
सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश- ब्राजील में चीनी के उत्पादन में एक बार फिर अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
शीर्ष उद्योग संस्था- यूनिका की रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील में 1 अप्रैल से 15 जून 2024 के दौरान चीनी का उत्पादन बढ़कर 109.50 लाख टन पर पहुंच गया जो गत वर्ष की तुलना में 14.4 प्रतिशत अधिक है।