iGrain India - कोच्चि (भारती एग्री एप्प)। सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने कोच्चि बंदरगाह से बच कर निकल रहे लम्बे दाने वाले सफेद चावल की खेती को जब्त कर लिया है जिसे नमक के नाम पर बाहर भेजा जा रहा था। दरअसल इंग्लैंड के लिए नमक का निर्यात शिपमेंट करने हेतु जहाज पर माल की लोडिंग के बाद जब अधिकारियों ने इसका औसत निरीक्षण किया तब पता चला कि उसमें नमक के बजाए चावल की के खेप भेजने का प्रयास हो रहा था।
पिछले महीने भी अधिकारीयों ने वल्लारपदम टर्मिनल पर 11 कंटेनरों से 230 टन चावल का स्टॉक बरामद किया था। ध्यान देने की बात है कि घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने जुलाई 2023 में गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद अगस्त 2023 में गैर बासमती सफेद (कच्चे) चवल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अगस्त 2023 में गैर बासमती सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया और बासमती चावल के लिए 1200 डॉलर से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन नियत किया गया।
भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक और चीन के बाद दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है। यहां से प्रीमियम क्वालिटी के बासमती चावल का निर्यात भी बड़े पैमाने पर होता है जिसे विदेशों में बहुत पसंद किया जाता है।
ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा अमरीका सहित अनेक देश भारी मात्रा में भारत से बासमती चावल मंगाते है। निर्यात प्रतिबंध के कारण कुछ लोगों को चावल की तस्करी का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
यह चावल अधिकतर तमिलनाडु से लाया जाता है और उसे नमक के नाम पर विदेश भेजने का प्रयास किया जाता है। मगर सब कस्टम विभाग सतर्क हो गया है।
खाद्यान्न वाले कंटेनरों की गहन जांच-पड़ताल आरंभ कर दी गई है। होता यह है कि निर्यातक नमक के शिपमेंट की बुकिंग करते हैं। जहाजों पर नीचे चावल की बोरियों रखी जाती हैं और ऊपर नमक की बोरियों से उसकी कवरिंग होती है ताकि किसी को पता न चल सके।